बस्तर

बस्तर में कलेक्टर की सख्ती : 10 ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, जल जीवन मिशन की लापरवाही पर गिरी गाज…

बस्तर। जिले में जल जीवन मिशन की रफ्तार थमने और ग्रामीणों को नल से जल न मिलने पर आखिरकार जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर हरिस एस., जो जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने 2 सितंबर को हुई समीक्षा बैठक में 10 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इन ठेकेदारों पर गंभीर आरोप है कि नोटिस जारी होने के बावजूद उन्होंने काम में सुधार नहीं किया और 16 गांवों के पेयजल प्रोजेक्ट अधर में लटकाकर रख दिए।

कलेक्टर ने बैठक में साफ शब्दों में कहा-

“जल जीवन मिशन मिशन-मोड पर चल रहा है, यहां ढिलाई का कोई सवाल ही नहीं। ठेकेदारों की लापरवाही सीधे जनता के जीवन से खिलवाड़ है। अब सहनशीलता की सीमा खत्म हो चुकी है।”

कौन-कौन हुए ब्लैकलिस्ट? ब्लैकलिस्ट ठेकेदारों की सूची इस प्रकार है:

  • यादव कन्स्ट्रक्शन, जगदलपुर
  • गणपति सेल्स, जगदलपुर
  • व्हीआर कन्स्ट्रक्शन, जगदलपुर
  • बीआर इन्वायरा सॉल्यूशन, भिलाई
  • बंशीलाल गंजीर, भानपुरी
  • आरबी ड्रिलर्स, केशकाल
  • छत्रपति कन्स्ट्रक्शन, जगदलपुर
  • भारत इन्फ्रा, केशकाल
  • किसान बोरवेल्स, केशकाल
  • लखन सिंह, रायपुर

इनकी अमानत राशि भी राजसात कर ली गई, ताकि आर्थिक नुकसान की भरपाई हो सके।

गांव प्यासे, ठेकेदार बेकसूर? रिव्यू मीटिंग में खुलासा हुआ कि कई ठेकेदारों ने काम शुरू ही नहीं किया, और जिन्होंने शुरू किया भी – वो अधर में छोड़कर चलते बने। परिणाम यह हुआ कि गांव के लोग आज भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

कलेक्टर का अल्टीमेटम : कलेक्टर हरिस एस. ने चेताया कि अगर भविष्य में भी किसी ठेकेदार या एजेंसी ने ढिलाई दिखाई तो न सिर्फ भारी जुर्माना वसूला जाएगा, बल्कि उन्हें सरकारी प्रोजेक्ट से स्थायी रूप से बाहर कर दिया जाएगा।

क्यों अहम है जल जीवन मिशन?

  • 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को नल से जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
  • बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित और आदिवासी इलाकों में स्वच्छ पेयजल की भारी कमी
  • हैंडपंप खराब, पानी दूषित, महिलाएं अब भी मीलों दूर से पानी लाने को मजबूर।
  • इस मिशन से ग्रामीणों को जीवन स्तर सुधारने की बड़ी उम्मीद।

अब होगी सख्त मॉनिटरिंग :

  • हर महीने प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग रिपोर्ट अनिवार्य।
  • जियो-टैगिंग और फोटोग्राफी से काम में पारदर्शिता।
  • तकनीकी अड़चनों का त्वरित समाधान।
  • अधिकारियों की नियमित फील्ड विजिट।

जिले में हड़कंप : कलेक्टर की इस कार्रवाई से जिले भर के ठेकेदारों और एजेंसियों में खलबली मच गई है। संदेश साफ है –
अब बस्तर में जल जीवन मिशन की राह में रोड़े अटकाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्रवाई सही दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि पानी की किल्लत उनके जीवन-मृत्यु का सवाल है।

Ambika Sao

सह-संपादक छत्तीसगढ़

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