रायपुर : राष्ट्रीय सुरक्षा का नया अध्याय; पीएम मोदी ने दिया ‘विजन 2047’, छत्तीसगढ़ के ‘बस्तर 2.0’ मॉडल की चर्चा…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर राष्ट्रीय सुरक्षा और पुलिसिंग में ऐतिहासिक बदलावों की गवाह बनी। IIM नवा रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय 60वीं ऑल इंडिया DGP-IG कॉन्फ्रेंस का रविवार को सफल समापन हुआ। इस सम्मेलन ने न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा दी, बल्कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर एक रणनीतिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में संपन्न इस उच्च-स्तरीय बैठक में देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने, पुलिसिंग को हाई-टेक करने और आतंकवाद-नक्सलवाद के खात्मे के लिए ‘विजन 2047’ का रोडमैप तैयार किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा- “छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि” : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस आयोजन को राज्य के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा:
”पिछले तीन दिनों तक देश का सर्वोच्च नेतृत्व और सुरक्षा तंत्र छत्तीसगढ़ में उपस्थित रहा। यह सम्मेलन राष्ट्रीय सुरक्षात्मक नीतियों और रणनीतियों पर गहन चर्चा का महत्वपूर्ण मंच बना। यहां हुए निर्णय देश की आंतरिक सुरक्षा को नई मजबूती प्रदान करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने सफल आयोजन के लिए सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों और सहयोगियों का आभार भी व्यक्त किया।
पीएम मोदी का ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ मंत्र: AI, डेटा और संवेदना : सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि पुलिस को अब ‘डंडा’ नहीं, बल्कि ‘डेटा’ के आधार पर काम करना होगा। उन्होंने पुलिसिंग के भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण सूत्र दिए:
- नई इमेज की जरूरत: पुलिस को जनता और युवाओं के बीच भरोसे की एक नई और सकारात्मक छवि बनानी होगी।
- महिला सुरक्षा प्राथमिकता: महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए ‘डायल 112’ जैसा एक एकीकृत देशव्यापी प्लेटफॉर्म बनाने पर जोर दिया।
- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: भविष्य की पुलिसिंग AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), फोरेंसिक साइंस, NATGRID और डेटा-ड्रिवन सिस्टम पर आधारित होनी चाहिए।
- विजन 2047: प्रधानमंत्री ने पुलिस को जवाबदेह (Accountable), संवेदनशील (Sensitive) और आधुनिक (Modern) बनाने का लक्ष्य रखा।
छत्तीसगढ़ का ‘बस्तर 2.0’ और भगोड़ों पर शिकंजा : कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ पुलिस की रणनीतियों की विशेष चर्चा रही :
- बस्तर 2.0: छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने ‘बस्तर 2.0’ का प्रेजेंटेशन दिया। इसमें मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है और उसके बाद बस्तर में विकास की व्यापक रणनीति साझा की गई।
- भगोड़ों की घर वापसी: विदेशों में छिपे भारतीय भगोड़ों (जैसे महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर और शराब घोटाले के आरोपी) को भारत लाने के लिए सख्त रोडमैप तैयार करने पर सहमति बनी। इंटरपोल के साथ समन्वय और प्रत्यर्पण संधियों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया।
मैराथन बैठकें और प्रमुख निर्णय : सम्मेलन का दूसरा दिन (शनिवार) सबसे अहम रहा, जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने 13 घंटे तक मैराथन बैठक की।
- जियो-पॉलिटिकल चुनौतियां: देश के सामने आ रही भू-राजनीतिक चुनौतियों और साइबर क्राइम पर चर्चा हुई।
- मॉडल स्टेट का चयन: एक ‘मॉडल स्टेट’ चुना गया, जिसकी पुलिसिंग की बेहतरीन प्रैक्टिस (Best Practices) को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
- गाइडलाइन का ड्राफ्ट: सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों और राज्यों के इनपुट के आधार पर पुलिसिंग के लिए नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार किया गया।
सम्मान : देश के टॉप-3 पुलिस थाने – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बेहतरीन कार्य करने वाले पुलिस थानों को सम्मानित किया:
- प्रथम: गाजीपुर थाना (दिल्ली)
- द्वितीय: पहरगांव थाना (अंडमान-निकोबार)
- तृतीय: कवितला थाना (रायचूर, कर्नाटक)
इसके अलावा, विशेष सेवाओं के लिए पुलिस अधिकारियों को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी नवाजा गया।
भविष्य की नींव : बच्चों से संवाद – कॉन्फ्रेंस के औपचारिक सत्रों के बाद, प्रधानमंत्री मोदी का मानवीय पहलू भी नजर आया। उन्होंने अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं से आत्मीय मुलाकात की। पीएम ने बच्चों से उनके करियर, परीक्षा के तनाव और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर चर्चा की, जिससे नन्हे छात्रों के चेहरे खिल उठे।
रायपुर में आयोजित यह 60वीं डीजीपी कॉन्फ्रेंस केवल एक बैठक नहीं, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा को 21वीं सदी की चुनौतियों के अनुरूप ढालने का एक संकल्प था। छत्तीसगढ़ की धरती से निकले ये निर्णय आने वाले समय में एक सुरक्षित और सशक्त भारत की नींव रखेंगे।




