लापता भाई की तलाश में युवती और मां का रायगढ़ एसपी ऑफिस के बाहर धरना – बोलीं, “जब तक भाई नहीं मिलेगा, नहीं उठेंगे यहां से”…

रायगढ़। अपने लापता भाई की तलाश में न्याय की गुहार लेकर रायगढ़ की एक युवती और उसकी मां पिछले दो दिनों से एसपी कार्यालय के बाहर गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठी हैं। ढिमरापुर क्षेत्र के दिनदयालपुरम कॉलोनी की रहने वाली कालिंदी कुमारी और उनकी मां कलावती देवी का कहना है कि जब तक उनके भाई अशोक राम को खोज नहीं लिया जाता, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी।
पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप : कालिंदी ने बताया कि उनका भाई अशोक राम दो महीने से लापता है। उन्होंने कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। परिजनों का आरोप है कि पुलिस सिर्फ “जांच चल रही है” कहकर मामले को टाल रही है।
कालिंदी ने बताया कि उनका भाई ट्रेलर चलाने का काम करता था। कुछ समय पहले उसने ट्रेलर फायनेंस पर खरीदा था, लेकिन किस्तें न भर पाने के कारण उसने अपने साथी छबि कुमार से करीब तीन लाख रुपए उधार लिए थे। उसी उधारी के विवाद में उसे प्रताड़ित कर गायब कर दिया गया।
कालिंदी का आरोप – “हमने थाने और एसपी ऑफिस के कई चक्कर लगाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। अब हम यहीं धरने पर बैठे हैं। जब तक भाई नहीं मिलेगा, हम नहीं उठेंगे।”
कलेक्टर जनदर्शन से एसपी ऑफिस तक – न्याय की तलाश में मां-बेटी : परिजनों ने पहले कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देकर भाई को खोज निकालने की मांग की थी। वहां से उन्हें पुलिस अधीक्षक से मिलने की सलाह दी गई। 5 नवंबर को कालिंदी अपनी मां के साथ एसपी ऑफिस पहुंचीं, लेकिन एसपी से मुलाकात न होने पर दोनों गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गईं। देर रात तक कोई अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा। बाद में कोतवाली पुलिस आई और ठंड व रात का हवाला देते हुए उन्हें धर्मशाला में ठहराया गया।
अगले दिन फिर लौट आईं धरने पर : 6 नवंबर की सुबह कालिंदी और कलावती देवी फिर से एसपी ऑफिस के बाहर पहुंचीं और दोबारा धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक उनके भाई का पता नहीं चलता, तब तक वे किसी की समझाइश नहीं मानेंगी।
“हमें सिर्फ इतना चाहिए कि पुलिस हमारे भाई को खोज निकालने की ठोस कार्रवाई करे। अब झूठे आश्वासन नहीं चाहिए।”
डीएसपी बोले – जांच जारी है : मामले में डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि युवती और उसकी मां धरने पर बैठी हैं। उनकी शिकायत की जांच कोतवाली पुलिस कर रही है। प्रथम दृष्ट्या यह मामला उधारी विवाद से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अब बड़ा सवाल यह है– दो महीने से लापता व्यक्ति का कोई सुराग क्यों नहीं लगा?
क्या पुलिस वास्तव में जांच कर रही है या पीड़ित परिवार की गुहार सरकारी दफ्तरों की फाइलों में दबकर रह गई है?
धरने पर बैठी मां-बेटी की यह लड़ाई अब रायगढ़ पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही की असली परीक्षा बन चुकी है।




