बिलासपुर में कांग्रेस की भीतरी जंग का खूनी अंजाम – अकबर खान गिरफ्तार, तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय फरार…

बिलासपुर। राजनीतिक वर्चस्व और ज़मीन के धंधे की लड़ाई अब कांग्रेस की भीतरी सियासत को लहुलुहान कर रही है। मस्तूरी जनपद उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता नीतेश सिंह की हत्या की साजिश के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज़ खुलासा किया है। इस मामले में कांग्रेस के ही तीन नेताओं के नाम सामने आए हैं। अकबर खान को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय अब तक फरार हैं।
गोलियों की गूंज से कांपा मस्तूरी : 28 अक्टूबर की देर शाम मस्तूरी जनपद कार्यालय में नकाबपोश शूटरों ने कांग्रेस नेता नीतेश सिंह के कार्यालय पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस फायरिंग में पूर्व सरपंच चंद्रकांत सिंह और राजकुमार सिंह उर्फ राजू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। गोली उनके हाथ और पैर में लगी, जबकि एक गोली नीतेश सिंह की पीठ को छूते हुए निकल गई। नीतेश ने साहस दिखाते हुए अपने लाइसेंसी पिस्टल से जवाबी फायर किया, जिससे हमलावर भाग खड़े हुए। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद घायलों को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
24 घंटे में खुला साजिश का जाल : पुलिस ने वारदात के 24 घंटे के भीतर ही सक्रियता दिखाते हुए मुख्य साजिशकर्ता विश्वजीत अनंत, उसके भाई सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि यह हमला राजनीतिक वर्चस्व और ज़मीन के कारोबार से जुड़े विवाद का परिणाम था। आरोपी विश्वजीत ने यह हमला कांग्रेस नेताओं अकबर खान, तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय के इशारे पर करवाया था।
मीटिंग का सीसीटीवी वीडियो आया सामने : जांच के दौरान पुलिस को एक अहम सुराग मिला। वारदात से ठीक पहले श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित कार्यालय में अकबर खान और विश्वजीत अनंत की मुलाकात हुई थी। यह पूरी मुलाकात सीसीटीवी कैमरे में कैद है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि अकबर खान अपने करीबी विश्वजीत अनंत के माध्यम से मस्तूरी क्षेत्र में ज़मीन का कारोबार करता था। प्रारंभिक जांच में पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद अकबर खान को गिरफ्तार किया गया है।
तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय पर सुपारी देने का आरोप : पुलिस जांच में सामने आया कि कांग्रेस नेता तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय ने राजनीतिक वर्चस्व और ज़मीन के विवाद को लेकर नीतेश सिंह की हत्या की सुपारी दी थी। दोनों नेता फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित कर दबिश तेज कर दी है।
कांग्रेस में बढ़ी कलह, जमीन कारोबार से जुड़ रहा रिश्ता : इस पूरे घटनाक्रम ने बिलासपुर कांग्रेस में हलचल मचा दी है। पार्टी के भीतर लंबे समय से जारी गुटबाज़ी और ज़मीन कारोबार के गठजोड़ ने अब खूनी रूप ले लिया है।
नीतेश सिंह, अकबर खान, तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय – चारों कांग्रेस से जुड़े नेता हैं, जो अलग-अलग राजनीतिक धड़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सत्ता और ज़मीन पर कब्ज़े की यह लड़ाई अब साजिश और गोलियों तक जा पहुँची है।
पुलिस ने बढ़ाई जांच की रफ्तार : एसएसपी रजनेश सिंह के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हथियारों की सप्लाई चैन, कारतूस की व्यवस्था और पैसों के लेनदेन से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं। पुलिस अब इस बात की तह तक पहुँचने की कोशिश कर रही है कि हमले का असली मास्टरमाइंड कौन था और इस साजिश में किस स्तर तक राजनीतिक संरक्षण शामिल रहा।
सियासत के भीतर छिपा खतरनाक गठजोड़ : बिलासपुर की यह वारदात सिर्फ एक गोलीकांड नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर चल रही सत्ता संघर्ष, ज़मीन कारोबार और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की भयावह परिणति है। जहाँ राजनीति अब वैचारिक नहीं, बल्कि गन पॉलिटिक्स और गनर पावर का खेल बन चुकी है।
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