रायकेरा दोहरे हत्याकांड का 24 घंटे में खुलासा ; पिता की हत्या में बेटा ही निकला गुनहगार, मुआवज़े की लालच में बुजुर्ग सास को भी उतारा मौत के घाट…

रायगढ़, 4 अक्टूबर। रायकेरा गाँव में 3 अक्टूबर को घटित सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड का खुलासा घरघोड़ा पुलिस ने महज़ 24 घंटे में कर दिया। इस हैरतअंगेज़ मामले में पुलिस ने मृतक का ही बेटा और एक बुज़ुर्ग रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है। जांच से सामने आया कि एनटीपीसी मुआवज़े की रकम का बंटवारा ही खूनी रंजिश का कारण बना।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन, एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने इस ‘अंधे कत्ल’ की गुत्थी सुलझा ली।
ऐसे खुला हत्या का राज़ : ग्राम रायकेरा के कोटवार सकिर्तन राठिया ने 3 अक्टूबर को पुलिस को सूचना दी थी कि गाँव के ही घुराउ राम सिदार (55) और उनकी सास सुकमेत उर्फ़ सुखमेत सिदार(70) का शव घर की परछी में पड़ा है। दोनों की निर्मम तरीके से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने और मारपीट से मौत की पुष्टि होते ही पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर हत्या का अपराध (अपराध क्रमांक 265/2025, धारा 103(1) बी.एन.एस.) दर्ज कर जांच शुरू की।
बेटा ही निकला कातिल : जांच के दौरान शक की सुई मृतक के बेटे रविशंकर सिदार (26) और गाँव के बुजुर्ग रामप्रसाद सिदार उर्फ गरिहा (83) की ओर घूमी। कड़ी पूछताछ में दोनों टूट गए और हत्या की हैवानियत भरी वारदात कबूल कर ली।
- मुआवज़े की रकम को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था।
- रामप्रसाद के उकसावे में आकर रविशंकर पहले भी कई बार अपने पिता से झगड़ चुका था।
- 2 अक्टूबर की शाम रविशंकर ने अपने ही पिता घुराउ राम का गला रस्सी से घोंट दिया।
- घटना देख रही सास सुकमेत ने विरोध किया तो दोनों ने मिलकर उसकी भी हत्या कर दी।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त रस्सी बरामद कर ली है और दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस टीम की बड़ी सफलता : एसपी दिव्यांग पटेल और एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के नेतृत्व में थाना प्रभारी कुमार गौरव, एएसआई खेमराज पटेल, रामसजीवन वर्मा, प्रधान आरक्षक पारसमणि बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल, चंद्रशेखर चंद्राकर, प्रदीप तिग्गा और स्थानीय कालिया गुप्ता की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ से यह सनसनीखेज मामला महज़ 24 घंटे में सुलझाया गया।




