
रायपुर। राजधानी रायपुर में पुलिस और खाद्य विभाग की कथित मिलीभगत से खुलेआम पेट्रोल-डीजल चोरी का गोरखधंधा चल रहा है। मामला विधानसभा थाना क्षेत्र के बिलासपुर हाईवे टेकारी स्थित बाबा बिरयानी के सामने का है, जहां टैंकर से पेट्रोल-डीजल चोरी की जा रही थी। इस अवैध धंधे की भनक जब मीडिया तक पहुंची, तो कवरेज करने गए पत्रकारों ने मौके की हकीकत उजागर की।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी का भंडाफोड़ करने वाले पत्रकार को ही वॉट्सऐप कॉल पर जान से मारने की धमकी दी गई। पत्रकार ने तत्काल इसकी शिकायत विधानसभा थाना प्रभारी शिवेंद्र सिंह राजपूत से की।
थाना प्रभारी का गैर जिम्मेदाराना बयान : पत्रकार को सुरक्षा देने और अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय थाना प्रभारी का जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा – “खाद्य विभाग में शिकायत करो।”
सवाल यह है कि अब क्या अपराधियों को पकड़ने का जिम्मा पुलिस छोड़कर खाद्य विभाग उठाएगा? और क्या पुलिस की भूमिका सिर्फ अपराधियों को संरक्षण देने तक सीमित रह गई है?
गंभीर सवाल :
- पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध धंधों का खुलासा करें और बदले में धमकियां पाएं, तो फिर पुलिस की भूमिका क्या रह जाती है?
- जब पुलिस ही कार्रवाई से मुंह मोड़ ले, तो क्या यह साबित नहीं करता कि पेट्रोल-डीजल चोरी का यह धंधा पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है?
- अब देखने वाली बात यह होगी कि मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद शासन-प्रशासन चोरों के साथ-साथ गैर जिम्मेदाराना बयान देने वाले थाना प्रभारी पर क्या कार्रवाई करता है।
यह मामला सिर्फ पेट्रोल-डीजल चोरी का नहीं, बल्कि पत्रकार सुरक्षा, पुलिस की जिम्मेदारी और भ्रष्ट गठजोड़ का है। राजधानी में खुलेआम चल रहे इस खेल ने पुलिस और प्रशासन की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
✍️ अब यह जनता का भी सवाल है—राजधानी की पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करेगी या अपराधियों को बचाने का काम?



