लूट या झूठ? जशपुर में 13 लाख की डकैती की कहानी में ‘फिल्मी’ मोड़; पुलिस के सवालों में उलझा ट्रक ड्राइवर…

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मंगलवार को हुई 13 लाख रुपये की कथित लूट का मामला पुलिस के लिए एक पहेली बन गया है। बालाछापर के पास हुई इस घटना में ट्रक चालक ने खुद को पीड़ित बताते हुए डकैती की कहानी सुनाई, लेकिन मौका-ए-वारदात और मेडिकल रिपोर्ट ने इस पूरी कहानी पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। पुलिस अब इस मामले को ‘लूट’ और ‘गबन’ दोनों एंगलों से देख रही है।
क्या थी ड्राइवर की कहानी? – ट्रक चालक राकेश के अनुसार, वह झारखंड के रांची से ट्रक मालिकों का बकाया पैसा (करीब 13 लाख रुपये) वसूलकर वापस जशपुर लौट रहा था। मंगलवार सुबह करीब 6 बजे, बालाछापर कोतवाली थाना क्षेत्र में उसने टॉयलेट के लिए ट्रक रोका।
राकेश का दावा है कि तभी पीछे से एक कार आई, जिसमें से चार युवक उतरे। उन्होंने लाठी-डंडों और पत्थरों से उस पर हमला कर दिया, हाथ-पैर बांधे और जमीन पर घसीटते हुए ट्रक में रखे 13 लाख रुपये और मोबाइल लूटकर फरार हो गए।
कहानी में यहां फंसा पेंच : 5 बड़े विरोधाभास : घटना की सूचना मिलते ही जशपुर पुलिस ने तत्परता दिखाई। सीसीटीवी खंगाले गए और मोबाइल डंप डेटा निकाला गया। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, चालक के बयानों और सबूतों में जमीन-आसमान का अंतर दिखने लगा:
- चोट के निशान नदारद : चालक ने दावा किया कि उसे डंडे और पत्थरों से बुरी तरह पीटा गया, लेकिन मेडिकल परीक्षण में उसके शरीर पर न कोई चोट, न खरोंच और न ही सूजन मिली।
- कपड़े बेदाग : चालक ने कहा कि लुटेरों ने उसे जमीन पर पटककर घसीटा। सुबह का समय था, लेकिन उसके कपड़ों पर न तो मिट्टी के निशान मिले और न ही ओस की नमी।
- रस्सी का रहस्य : जिस रस्सी से बांधने का दावा किया गया, वह पुलिस को खुद चालक ने ट्रक के ऊपर से उतारकर दी। यह बात पुलिस के गले नहीं उतरी।
- बदलते बयान : पूछताछ में चालक कभी कहता कि हाथ पीछे बांधे गए थे, तो कभी कहता कि सामने बांधे गए थे।
- मोबाइल की बरामदगी : चालक का मोबाइल डोडकचौरा ढाबा के पास सड़क किनारे मिला। यह स्पष्ट नहीं है कि लुटेरों ने उसे फेंका या चालक ने खुद सबूत गढ़ने के लिए गिराया।
पुलिस का क्या कहना है? – मामले की संदिग्धता को देखते हुए पुलिस का शक गहरा गया है। एसएसपी (SSP) शशि मोहन सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा:
“पुलिस मामले की जांच हर एंगल से कर रही है। हमारी कोशिश है कि अगर लूट हुई है तो दोषी पकड़े जाएं। लेकिन चालक के बयानों में गंभीर विरोधाभास हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। क्या यह वाकई लूट थी या पैसे गायब करने के लिए रची गई कोई झूठी कहानी, इसका खुलासा जल्द होगा।”
फिलहाल पुलिस की टीमें संदिग्धों की तलाश में झारखंड भी गई हैं, लेकिन जांच की सुई अब खुद शिकायतकर्ता यानी ट्रक ड्राइवर पर भी घूम गई है। 13 लाख की यह ‘लूट’ अब पुलिसिया जांच और चालक की ‘पटकथा’ के बीच उलझकर रह गई है।



