कोरबा

“फर्जी बाप, फर्जी नौकरी और असली अय्याशी?” SECL के ‘नटवरलाल’ का काला चिट्ठा खुला; आदिवासी युवती ने दी आत्मदाह की चेतावनी…

• अस्मिता से खिलवाड़ के बाद अब ‘नौकरी घोटाले’ का पर्दाफाश: जिसे पुलिस बचा रही, वह SECL कर्मी ही निकला ‘फर्जी’?…

कोरबा / विशेष खोजी रिपोर्ट : कोरबा में खाकी वर्दी और कोयला माफिया के गठजोड़ की बू आ रही है। SECL बलगी परियोजना के जिस पंप ऑपरेटर दीनदयाल गुप्ता पर एक आदिवासी युवती ने नौकरी के नाम पर ठगी और ‘जिस्म की मांग’ का आरोप लगाया है, अब उस पर ‘फर्जी बाप’ के नाम पर सरकारी नौकरी हथियाने का महा-खुलासा हुआ है।

मामला सिर्फ़ एक महिला के शोषण का नहीं, बल्कि देश की एक महारत्न कंपनी (SECL) की आंखों में धूल झोंककर की गई ‘नियुक्ति धोखाधड़ी’ (Employment Fraud) का बन गया है।

बड़ा खुलासा : असली ‘समारू’ के तीन बेटे, तो ये चौथा ‘दीनदयाल’ कौन? – पीड़िता ने ठगी की जंग लड़ते हुए आरोपी की पूरी कुंडली खंगाल डाली, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

  • दीनदयाल का दावा: पुलिस को दिए लिखित बयान (25 अप्रैल 2025) और SECL रिकॉर्ड में आरोपी दीनदयाल ने अपने पिता का नाम ‘समारू’ दर्ज कराया है।
  • ज़मीनी हकीकत: ग्राम चैनपुर, दीपिका (कोरबा) के जिस ‘समारू’ का नाम इस्तेमाल किया गया, उनके केवल तीन बेटे हैं – गेंदराम, संतराम और बहोरन
  • ग्रामीणों का बयान: असली बेटे गेंदराम ने स्पष्ट कर दिया है कि “दीनदयाल नाम का कोई व्यक्ति हमारे परिवार में नहीं है।”

सुलगता सवाल: क्या दीनदयाल गुप्ता ने नौकरी पाने के लिए ‘फर्जी वंशावली’ और जाली दस्तावेजों का सहारा लिया? अगर हां, तो SECL प्रबंधन ने सर्विस बुक (Service Book) में इसकी जांच क्यों नहीं की?

फ्लैशबैक : शोषण की वह काली कहानी : याद दिला दें कि इसी ‘फर्जी’ दीनदयाल गुप्ता ने 20 मार्च 2025 को पीड़िता को नौकरी का लालच देकर 2 लाख रुपये ठग लिए। जब पीड़िता ने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने सारी हदें पार कर दीं।

उसने कहा:

“बाकी 3 लाख नहीं दे सकती तो एक रात मेरे साथ सो जा, सब माफ हो जाएगा।”

​विरोध करने पर जबरदस्ती की कोशिश की गई। पुलिस ने SP के निर्देश पर BNS धारा 318(4) (ठगी) और 74 (महिला शोषण) का मामला तो दर्ज किया, लेकिन आरोपी आज भी खुला घूम रहा है।

खाकी पर गंभीर आरोप : “कितने में बिका थाना?” : ग्रामीणों और पीड़िता का गुस्सा अब पुलिस प्रशासन पर फूट पड़ा है। आरोप है कि बाकीमोंगरा थाना आरोपी की गिरफ्तारी करने के बजाय पीड़िता को ही धमका रहा है।

  • आरोप : थाना स्टाफ C.S. वैष्णव ने निजी नंबर (6264991845) से फोन कर पीड़िता पर केस वापस लेने का दबाव बनाया।
  • धमकी : आरोपी पिता-पुत्र का दावा है – “हमने पुलिस पर इतना पैसा खर्च किया है कि कोई हमें हाथ नहीं लगा सकता।”

ग्रामीणों का कहना है – “अगर किसी गरीब आदिवासी ने यह अपराध किया होता, तो पुलिस घर तोड़कर उसे उठा ले जाती। लेकिन SECL कर्मचारी के लिए कानून ‘अंधा और बहरा’ क्यों हो गया है?”

अल्टीमेटम : “इंसाफ नहीं मिला तो जलेगी चिता” : सिस्टम की बेशर्मी से टूट चुकी पीड़िता ने IG बिलासपुर रेंज के ऑफिस के सामने आत्मदाह की चेतावनी दे दी है।

सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में उसने कहा:

“अगर एक सप्ताह के भीतर दीनदयाल गुप्ता को गिरफ्तार नहीं किया गया और मेरे साथ न्याय नहीं हुआ, तो मेरी जलती चिता की जिम्मेदार कोरबा पुलिस होगी।”

अब मांग : नई धाराओं में हो FIR : सिर्फ शोषण नहीं, अब यह मामला ‘जालसाजी’ का भी है। ग्रामीणों और पीड़िता ने मांग की है:

  • SECL प्रबंधन: तत्काल दीनदयाल की ‘सर्विस बुक’ और नियुक्ति दस्तावेजों की जांच कर उसे बर्खास्त करे।
  • पुलिस: आरोपी पर BNS की धारा 420, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज व धोखाधड़ी) के तहत नया मुकदमा दर्ज करे।
  • उच्च स्तरीय जांच: कॉल डिटेल (CDR) निकालकर उन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए जो आरोपी के संपर्क में हैं।

कोरबा पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी के लिए यह मामला अब प्रतिष्ठा का प्रश्न है। क्या एक आदिवासी बेटी को न्याय मिलेगा, या फिर ‘फर्जी पिता’ का नाम बताकर नौकरी करने वाला यह ‘रसूखदार’ आरोपी कानून को अपनी जेब में रखकर घूमता रहेगा?

जनता देख रही है।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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