बिलासपुर में ‘मौसाजी’ पर GST का शिकंजा : मिठाई की मिठास पड़ी फीकी, करोड़ों की टैक्स चोरी के शक में एक साथ 6 ठिकानों पर रेड…

बिलासपुर। न्यायधानी के प्रतिष्ठित मिष्ठान प्रतिष्ठान ‘मौसाजी स्वीट्स’ (Mausaji Sweets) के लिए 1 दिसंबर की शाम कड़वी साबित हुई। शहर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब स्टेट जीएसटी (State GST) की खुफिया विंग ने प्रतिष्ठान के सभी ठिकानों पर एक साथ धावा बोल दिया। रायपुर और बिलासपुर की संयुक्त टीमों द्वारा की गई इस ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी कार्रवाई ने शहर के व्यापारी जगत में खलबली मचा दी है।
इनसाइड स्टोरी: कैसे हुआ ‘ऑपरेशन मौसाजी’? -विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई, बल्कि इसकी पटकथा लंबे समय से लिखी जा रही थी। विभाग को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर बिलों में हेराफेरी (Bill Manipulation) और टैक्स चोरी की जा रही है।
- शाम 4:30 बजे, एक साथ रेड: योजना इतनी गुप्त थी कि स्थानीय अधिकारियों को भी अंत तक भनक नहीं लगी। शाम करीब 4:30 बजे, जैसे ही घड़ी की सुई घूमी, रायपुर और बिलासपुर की करीब एक दर्जन टीमें मौसाजी स्वीट्स के अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ पहुंचीं।
- ठिकानों की घेराबंदी : टीमों ने श्रीकांत वर्मा मार्ग, तिफरा, सरकंडा, मंगला, गोलबाजार और व्यापार विहार स्थित सभी आउटलेट्स और गोदामों को अपने कब्जे में ले लिया। शटर गिरा दिए गए और बाहर से किसी के भी अंदर आने पर रोक लगा दी गई।
- ‘डिजिटल लॉक’ और मोबाइल बंद : रेड शुरू होते ही अधिकारियों ने सबसे पहले कैश काउंटर और कंप्यूटर सिस्टम को अपने कंट्रोल में लिया। जांच की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने अपने मोबाइल फोन तक किनारे रख दिए। बताया जा रहा है कि कमिश्नर के अलावा किसी का भी फोन रिसीव नहीं किया जा रहा था।
‘कच्चे-पक्के’ का खेल : क्या-क्या हुआ जब्त? –देर रात तक चली इस मैराथन जांच में अधिकारियों ने प्रतिष्ठान की पूरी ‘कुंडली’ खंगाल डाली :
- हार्ड डिस्क और लैपटॉप : लेन-देन के असली आंकड़ों का पता लगाने के लिए कंप्यूटर सिस्टम और हार्ड डिस्क जब्त कर ली गई हैं।
- पर्ची और डायरियां : कच्ची पर्चियों और खुफिया डायरियों को भी कब्जे में लिया गया है, जिनमें असली बिक्री का हिसाब होने का शक है।
- स्टॉक मिलान : गोदाम में मौजूद स्टॉक और किताबों में दर्ज स्टॉक के बीच भारी अंतर की आशंका जताई जा रही है।
ज्वाइंट कमिश्नर ने खुद संभाला मोर्चा : व्यापार विहार स्थित मुख्य ठिकाने पर खुद ज्वाइंट कमिश्नर (Joint Commissioner) ने डेरा जमाया। रात 10:30 बजे तक वे खुद एक-एक दस्तावेज की जांच करते रहे। उनके जाने के बाद भी तीन सदस्यीय टीम देर रात तक फाइलों में सिर खपाती रही।
अब क्या होगा? – हालांकि विभाग ने अभी तक आधिकारिक तौर पर टैक्स चोरी के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन जिस पैमाने पर दस्तावेज और हार्डवेयर जब्त किए गए हैं, उससे संकेत मिल रहे हैं कि यह मामला लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों की टैक्स चोरी का निकल सकता है। जब्त दस्तावेजों की फॉरेंसिक ऑडिट के बाद ही असली खेल सामने आएगा।
बड़ा सवाल: क्या शहर के अन्य बड़े कारोबारी भी रडार पर हैं? मौसाजी स्वीट्स पर हुई इस कार्रवाई ने बिलासपुर के अन्य व्यापारियों की नींद उड़ा दी है।




