तखतपुर नगर पालिका की ‘मनमानी’ : बिना नंबर प्लेट सड़कों पर दौड़ रहीं सरकारी गाड़ियाँ, डीजल घोटाले की आशंका गहरायी…

• ‘नियम केवल जनता के लिए’ – पुलिस खामोश, जिम्मेदार बेपरवाह; लाखों के डीजल बिल पर उठे सवाल…
बिलासपुर। जिले के तखतपुर नगर पालिका में “दीपक तले अंधेरा” वाली कहावत इन दिनों चरितार्थ हो रही है। जिस सरकारी तंत्र पर नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी है, वही तंत्र तखतपुर में नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। कचरा संग्रहण से लेकर निर्माण कार्यों में लगे नगर पालिका के लगभग सभी भारी वाहन बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इस घोर लापरवाही के पीछे केवल प्रशासनिक सुस्ती नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर डीजल की हेराफेरी (अफरा-तफरी) की आशंका भी जताई जा रही है।
संदेह के घेरे में ‘बेनाम’ गाड़ियों का काफिला : नगर पालिका के बेड़े में शामिल वाहनों की स्थिति यह बताने के लिए काफी है कि यहाँ मोटर व्हीकल एक्ट का किस कदर मखौल उड़ाया जा रहा है। वर्तमान में जो वाहन बिना नंबर प्लेट के चल रहे हैं, उनमें शामिल हैं:
- 10 मिनी टिपर
- 01 बड़ा टिपर
- 03 ट्रैक्टर
- 01 स्काई लिफ्टर
- 01 जेसीबी (JCB)
हैरानी की बात यह है कि हाल ही में खरीदे गए नए वाहन (जैसे छोटे टिपर और जेसीबी) भी बिना नंबर प्लेट के ही काम पर लगा दिए गए हैं। जबकि आरटीओ के नए नियमों के अनुसार, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) के बिना कोई भी गाड़ी शोरूम से बाहर नहीं आ सकती। ऐसे में सवाल उठता है कि ये गाड़ियाँ नगर पालिका तक कैसे पहुंचीं?
हर महीने 1.5 लाख का डीजल, फिर भी पहचान गायब क्यों? – दबी जुबान में जनप्रतिनिधि और जानकार बता रहे हैं कि गाड़ियों पर नंबर न लिखने के पीछे एक बड़ा “खेल” छिपा हो सकता है। नगर पालिका में हर महीने लगभग 1 से 1.5 लाख रुपये का डीजल बिल बनता है।
- शक की वजह: जब गाड़ियों पर नंबर ही नहीं होगा, तो यह ट्रैक करना मुश्किल है कि किस गाड़ी में कितना डीजल डला और वह कितना चली।
- अस्पष्टता का लाभ: बिना नंबर प्लेट के वाहनों की लॉग-बुक में हेरफेर करना आसान होता है, जिससे डीजल की चोरी या कमीशन खोरी की संभावना बढ़ जाती है।
दोहरा मापदंड: जनता पर चालान, पालिका पर मेहरबानी : शहर में एक तरफ पुलिस आम जनता का हेलमेट या नंबर प्लेट न होने पर तुरंत चालान काट देती है, वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका के ये भारी-भरकम वाहन पुलिस के सामने से बिना नंबर प्लेट के गुजरते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। प्रशासन का यह दोहरा रवैया आम नागरिकों में आक्रोश पैदा कर रहा है।
अधिकारी बोले- “लापरवाही हुई है, नोटिस देंगे” : मामले के तूल पकड़ने पर तखतपुर नगर पालिका के सीएमओ (CMO) अमरेश सिंह ने लापरवाही स्वीकार की है। उन्होंने कहा:
“यह सही है कि गाड़ियों पर नंबर प्लेट नहीं है, जो कि घोर लापरवाही है। जबकि सभी वाहनों के नंबर जारी हो चुके हैं। मैं संबंधित प्रभारी को तत्काल नोटिस जारी कर जवाब तलब करूँगा और सभी वाहनों पर तुरंत नंबर प्लेट लगवाने के निर्देश दिए जाएंगे।”
अब देखना यह होगा कि सीएमओ के नोटिस के बाद इन गाड़ियों पर नंबर प्लेट लगती है या फिर सरकारी डीजल को ठिकाने लगाने का यह “बिना नंबर वाला खेल” बदस्तूर जारी रहता है।




