अवैध मुरूम उत्खनन : रेलवे कार्य में बिना अनुमति खनन, प्रशासन ने चैन माउंटेन मशीन व दो हाईवा सील की

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/डौंडी। जिले के डौंडी तहसील के ग्राम गोटूलमुंडा (चोरहा पड़ाव) क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के निकट अवैध उत्खनन का मामला सामने आया है। यहां रेलवे ठेकेदार द्वारा मुरूम की बिना अनुमति खुदाई कर ट्रैक की मरम्मत में इस्तेमाल किया जा रहा था। स्थानीय संवाददाता की सूचना पर तहसील प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एक चेन माउंटेन मशीन सील कर दी और दो हाईवा वाहनों को पुलिस हिरासत में ले लिया। यह घटना सरकारी नियमों का उल्लंघन दर्शाती है, जहां खनिज विभाग की मंजूरी के बिना कोई खुदाई नहीं हो सकती।

रिपोर्ट के अनुसार, बिलासपुर के रेलवे ठेकेदार सुमित ठक्कर नामक व्यक्ति के इस ठेके के दौरान रेलवे ट्रैक के दोनों ओर स्थित खड़ी मिट्टी की ढलानों को हल्का छीलने के बाद मुरूम की फिलिंग की जा रही थी। लेकिन समस्या तब उजागर हुई जब ठेकेदार के कर्मचारियों ने ट्रैक से सटे निजी जमीन पर ही चेन माउंटेन मशीन से मुरूम का अवैध खनन शुरू कर दिया। दो अशोक लीलैंड हाईवा डंपरों के जरिए खुदाई की गई मुरूम को सीधे ट्रैक किनारे डंप किया जा रहा था। यह कार्य पुराने बीएसएफ कैंप के पीछे, छोटे बरसाती नालों वाले पुल के आसपास हो रहा था, जहां नई रेल लाइन के रखरखाव के नाम पर यह गतिविधि चल रही थी।

रेलवे अभियांत्रिकी नियमावली के तहत, ट्रैक के पास मिट्टी की ढलानों को स्थिर करने के लिए छीलना और फिर मुरूम भरना अनिवार्य है, ताकि कटाव व भूस्खलन से बचा जा सके। आपको बता दें कि रेलवे लाइन के दोनों ओर मिट्टी की खड़ी ढलान को हल्का छीलकर वहां दोबारा मुरूम डालने के प्रक्रिया को रेलवे अभियांत्रिकी नियमावली में “बैंक बैंकिंग” या “प्लेटफॉर्म बैंकिंग” कहा जाता है। खड़ी ढलान की बैंकिंग, यह प्रक्रिया नालों के पास खड़ी मिट्टी की ढलान को स्थिर करने, कटाव रोकने और ट्रैक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।

लेकिन यहां बिना खनिज विभाग की अनुमति के उत्खनन ने कानूनी उल्लंघन को जन्म दिया। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियम 2022 के प्रावधानों के अनुसार, ऐसी खुदाई पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। सरकारी कार्यों में सामग्री की खरीद-पट्टा प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, न कि स्थानीय जमीनों से चोरी-छिपे खनन। इससे न केवल राजस्व को नुकसान होता है, बल्कि पर्यावरणीय क्षति भी।
हमारे संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर ठेकेदार के सुपरवाइजर से दस्तावेज मांगे, लेकिन उन्होंने कोई वैध कागजात पेश नहीं किए। अवैध उत्खनन की जानकारी मिलते ही डौंडी तहसीलदार को सूचित किया गया। तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक व दो पटवारियों की टीम के साथ तुरंत जांच शुरू की। जांच में पुष्टि हुई कि उत्खनन बिना अनुमति के हो रहा था। इसके चलते चेन माउंटेन मशीन को मौके पर ही सील कर दिया गया, जबकि दो हाईवा वाहनों (सीजी 10 सीए 3612 तथा सीजी 10 सीए 3613) को डौंडी पुलिस को सौंप दिया गया। ठेकेदार सुमित ठक्कर के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

यह घटना रेलवे परियोजनाओं में निगरानी की कमी को उजागर करती है। हमने इस संबंध में रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हाल ही में मध्यप्रदेश के दमोह व अन्य जिलों में भी रेल लाइन निर्माण के नाम पर अवैध मुरूम खनन के मामले सामने आए हैं, जहां लाखों का जुर्माना लगाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी अनियमितताएं ट्रैक की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं, क्योंकि बिना टेस्टेड मुरूम से फिलिंग अस्थिर हो सकती है। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने भी इस कार्यवाही का स्वागत किया है, उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
“अवैध मुरूम खनन रेलवे सुरक्षा और पर्यावरण के लिए खतरा है। हमने तुरंत चेन माउंटेन मशीन सील की और दो हाईवा जब्त किए। ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।”
देवेंद्र कुमार नेताम
तहसीलदार, डौंडी




