सुरंगपानी में ताबड़तोड़ छापा – फुटकर व्यापारी के घर से 700 बोरा अवैध धान बरामद! राजस्व अधिकारी ऋतुराज बिसेन की कार्रवाई से मचा हड़कंप, पूरे नेटवर्क पर शक की सुइयां तेज!…

पत्थलगांव।हैप्पी भाटिया : धान खरीदी सीजन शुरू होते ही जशपुर जिले में अवैध भंडारण करने वालों की सांसे अटक गई हैं। सुरंगपानी में आज सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब राजस्व विभाग की टीम ने स्थानीय फुटकर व्यापारी अमन गुप्ता के घर और गोदाम पर ताबड़तोड़ छापा मार दिया। कार्रवाई इतनी सटीक और तेज थी कि पूरे इलाके में कुछ ही मिनटों में खबर आग की तरह फैल गई।
700 बोरा धान का अवैध जखीरा : गुप्त सूचना पर की गई इस कार्रवाई में विभाग की टीम लगभग 700 बोरा अवैध धान पकड़ने में कामयाब रही। धान की बोरियों से भरा पूरा घर और गोदाम देखकर अधिकारी भी दंग रह गए। न कोई पंजीयन, न कोई परिवहन दस्तावेज – सीधे-सीधे अवैध धान का काला कारोबार!
समर्थन मूल्य पर बेचने की थी तैयारी : सूत्रों के मुताबिक अमन गुप्ता आसपास के किसानों और ओडिशा से कम कीमत पर धान खरीदकर अपने घर में जमा करता था। जैसे ही सरकारी खरीदी शुरू होती, वह इसी धान को समर्थन मूल्य पर बेचना चाहता था। यानी किसानों की मेहनत लूटने और सरकारी व्यवस्था को चकमा देने का पक्का जुगाड़!
ऋतुराज की कार्रवाई से व्यापारी वर्ग में दहशत : कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे राजस्व अधिकारी ऋतुराज बिसेन ने मौके पर ही धान को जप्त किया, पंचनामा तैयार कराया और जांच प्रक्रिया शुरू की। राजस्व निरीक्षक, पटवारी और पुलिस बल पूरे समय मौजूद थे। इस छापे के बाद लैलूंगा-जशपुर बॉर्डर के कई व्यापारियों में कंपकंपी छा गई है।
“अवैध भंडारण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं” : राजस्व अधिकारी ऋतुराज ने सख्त लहजे में कहा- “जिले के हर कोने में निगरानी बढ़ा दी गई है। अवैध धान भंडारण करने वालों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।”
क्या अमन गुप्ता अकेला? या पूरा गिरोह शामिल? : प्रशासनिक सूत्रों का दावा है कि यह सिर्फ एक चेहरे का पर्दाफाश है। इसके पीछे और भी व्यापारी व दलालों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो सकता है, जो किसानों से औने-पौने दाम पर धान खरीदकर सरकारी खरीदी में खपाने का खेल खेल रहे थे।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी राजस्व विभाग की इस कार्रवाई को साहसिक बताते हुए कहा कि ऐसे व्यापारी किसानों की लूट और काला कारोबार बढ़ाते हैं, इसलिए सख्त कार्रवाई जरूरी है।
अब पूरे क्षेत्र की नजरें राजस्व विभाग की अगली चाल पर टिकी हैं।
क्या और नाम सामने आएंगे?
क्या जिला प्रशासन बड़े नेटवर्क को भी बेनकाब करेगा?
अभी तो बस शुरुआत है… जशपुर का काला धान कारोबार अब पूरी तरह से रडार पर!




