रायपुर के हीरापुर में दर्दनाक हादसा : दो मासूमों की डूबकर मौत, प्राइवेट बिल्डर की लापरवाही बनी वजह, परिजनों ने किया चक्काजाम…

रायपुर। राजधानी रायपुर के हीरापुर इलाके में रविवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। खेल-खेल में दो मासूम बच्चे मौत के मुंह में समा गए। सड़क किनारे प्राइवेट बिल्डर द्वारा खुदवाए गए पानी से भरे गड्ढे में गिरने से दोनों की डूबकर मौत हो गई।
मृतकों की पहचान सत्यम (8 वर्ष) और आलोक (7 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों मौसेरे भाई थे और अपनी मौसी के बेटे के जन्मदिन में शामिल होने हीरापुर आए थे। मासूमों की मासूमियत और प्रशासन की बेरुखी ने इस हादसे को त्रासदी में बदल दिया।
बिल्डर की घोर लापरवाही से बुझ गए दो घरों के चिराग : स्थानीय लोगों के अनुसार, यह गड्ढा एक प्राइवेट बिल्डर ने खुदवाया था, लेकिन काम पूरा होने के बाद उसे भरने की जहमत तक नहीं उठाई। बारिश के पानी से यह गड्ढा एक खतरनाक जलकुंड बन गया था। रविवार दोपहर करीब 3 बजे बच्चे खेलते-खेलते उसी गड्ढे में गिर गए। गड्ढा गहरा होने की वजह से वे बाहर नहीं निकल पाए। जब तक आसपास के लोग पहुंचे, तब तक दोनों की सांसें थम चुकी थीं। ग्रामीणों ने दोनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, मगर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
हादसे के बाद भड़का आक्रोश, रिंग रोड नंबर-3 पर तीन किलोमीटर लंबा जाम : मासूमों की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने हीरापुर-जरवाय रोड और रिंग रोड नंबर-3 पर चक्काजाम कर दिया। लोगों ने प्रशासन और बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि इस खुले गड्ढे की शिकायत कई बार की गई थी, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रशासनिक लापरवाही के कारण दो मासूमों की जान चली गई। जाम के कारण करीब तीन किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार लग गई।
पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची : सूचना मिलते ही कबीर नगर थाना और आमानाका पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने लोगों को समझाइश देकर स्थिति को शांत कराया। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और बिल्डर की लापरवाही की जांच शुरू कर दी है।
सवालों के घेरे में बिल्डर और प्रशासन : स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते सड़क किनारे खुले गड्ढों की मॉनिटरिंग की होती, तो यह हादसा टल सकता था। अब सवाल यह है कि
- बिना सुरक्षा इंतजाम के बिल्डर को खुदाई की अनुमति किसने दी?
- शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
- क्या अब दो मासूमों की मौत के बाद जिम्मेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी?
परिजनों की मांग – बिल्डर पर FIR और आर्थिक मुआवजा : परिजनों ने मृत बच्चों के परिवार को उचित मुआवजा, और लापरवाह बिल्डर पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
थाना क्षेत्र : कबीर नगर, रायपुर
घटना का समय : रविवार दोपहर लगभग 3 बजे
मृतक : सत्यम (8 वर्ष), आलोक (7 वर्ष)
कारण : बिल्डर द्वारा खुदवाया गया और बिना भरा छोड़ा गया गड्ढा
यह हादसा सिर्फ दो बच्चों की नहीं, बल्कि सिस्टम की मौत है – जहां लापरवाही और उदासीनता का गड्ढा हर दिन और गहरा होता जा रहा है।क्या आप चाहेंगे कि मैं इस खबर का एक प्रेस विज्ञप्ति संस्करण भी तैयार कर दूं, जो प्रशासन और बिल्डर की जवाबदेही को कानूनी रूप से रेखांकित करे?




