छत्तीसगढ़ में अब बिना ट्रेड लाइसेंस दुकान चलाना अपराध ; गुमटी से लेकर मॉल तक- हर दुकान पर अब लागू नया कानून, न लेने पर दुकान होगी सील…

रायपुर। अब छत्तीसगढ़ में कोई भी गुमटी, ठेला, किराना दुकान, होटल, रेस्टोरेंट या मॉल की शोरूम बिना ट्रेड लाइसेंस के नहीं चल सकेगी।नगरीय प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को इसका राजपत्र नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यानी अब अगर आपने लाइसेंस नहीं लिया तो आपकी दुकान कभी भी बंद या सील की जा सकती है।
अब तक यह व्यवस्था सिर्फ 45 नगरीय निकायों में लागू थी, लेकिन अब पूरे प्रदेश के 192 नगरीय निकायों नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
10 साल तक का लाइसेंस एक साथ, हर दो साल में 5% बढ़ेगा शुल्क : नियमों के अनुसार, दुकानदार चाहें तो एक बार में 10 साल तक का शुल्क भरकर लाइसेंस ले सकते हैं। शुल्क में हर दो साल बाद 5% की स्वतः वृद्धि होगी।
- नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम ₹30,000
- नगर पालिका में अधिकतम ₹20,000
- नगर पंचायत में अधिकतम ₹10,000
यानी दुकान चाहे कितनी भी बड़ी हो, तय सीमा से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
सड़क और बाजार के हिसाब से तय दरें : नई व्यवस्था में सड़कों और बाजारों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है।
- मोहल्ला / छोटी गली — ₹4 प्रति वर्गफुट
- मध्यम श्रेणी बाजार — ₹5 प्रति वर्गफुट
- मुख्य बाजार / प्रमुख सड़क — ₹6 प्रति वर्गफुट
अब गुमटी, ठेला और वाहन से दुकान चलाने वालों को भी लेना होगा लाइसेंस : गुमटी या कच्ची दुकान वाले भी अब इससे अछूते नहीं रहेंगे।
- नगर निगम में ₹250
- नगर पालिका में ₹150
- नगर पंचायत में ₹100 सालाना शुल्क
वहीं मिनी ट्रक, जीप, पिकअप वैन से दुकान चलाने वालों को भी अब लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा — - निगम में ₹400, पालिका में ₹300, पंचायत में ₹200 सालाना देना होगा।
गुमाश्ता और ट्रेड लाइसेंस में बड़ा फर्क : अधिकांश दुकानदार अब तक श्रम विभाग से गुमाश्ता लेकर ही व्यापार करते थे।
गुमाश्ता केवल उन्हीं दुकानों को मिलता है जहाँ 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हों।
ट्रेड लाइसेंस हर व्यापारी के लिए अनिवार्य है, चाहे वह अकेले दुकान चला रहा हो या कर्मचारियों के साथ।
ट्रेड लाइसेंस मिलने पर दुकान को सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज मिल जाएगा, जिससे बैंक लोन लेने में भी आसानी होगी।
मॉल में भी हर दुकान को अलग लाइसेंस : अब मॉल के भीतर स्थित प्रत्येक दुकान को भी अलग-अलग ट्रेड लाइसेंस बनवाना होगा। मॉल मालिक के लाइसेंस पर दुकानें नहीं चलेंगी।
नवीनीकरण में देरी पर भारी जुर्माना : लाइसेंस न्यूनतम दो साल के लिए जारी होगा। अगर समय सीमा समाप्त होने के 6 महीने के भीतर नवीनीकरण नहीं कराया गया तो 15% पेनल्टी देनी होगी। 6 महीने से ज्यादा देरी पर ₹10 प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा। एक साल तक नवीनीकरण न कराने पर नगरीय निकाय दुकान सील कर देगा।
दुकान बंद करने पर देना होगा सूचना : अगर कोई दुकानदार अपना व्यापार बंद करता है, तो उसे निकाय को लिखित में सूचना देकर लाइसेंस सरेंडर करना अनिवार्य होगा। अन्यथा उसका बकाया शुल्क बढ़ता रहेगा।
अब व्यापारी वर्ग में हलचल : राजपत्र में अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश के व्यापारी संगठनों में हलचल मच गई है। छोटे दुकानदारों ने शुल्क और जटिल प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है, जबकि नगरीय प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था व्यवसाय को औपचारिक और वैध रूप देने के लिए है।
अधिकारी बोले – “हर व्यापारी को वैधता का लाभ मिलेगा” : नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने कहा –
“यह कदम व्यापार में पारदर्शिता लाने और नगर निकायों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए उठाया गया है। हर व्यापारी को अब अपनी दुकान का आधिकारिक दस्तावेज मिलेगा, जो उनके हित में है।”
अब चाहे मोहल्ले की किराना दुकान हो, मोबाइल रिपेयर सेंटर, चाय ठेला या मॉल का शो-रूम – हर किसी को ट्रेड लाइसेंस लेना ही होगा। नियमों का पालन नहीं किया तो दुकान पर ताला लगेगा, और जुर्माने की गिनती हर दिन बढ़ती जाएगी।




