बिलासपुर में आचार्य इंस्टीट्यूट के स्टाफ की सरेराह गुंडागर्दी – पत्नी और मासूम बच्चे के सामने ट्यूटर को बेरहमी से पीटा, मामला दर्ज…

बिलासपुर। शिक्षा के नाम पर चल रहे कोचिंग सेंटरों की अंधी प्रतिस्पर्धा अब हिंसा का रूप ले चुकी है। ताजा मामला बिलासपुर के तारबाहर थाना क्षेत्र का है, जहाँ आचार्य इंस्टीट्यूट के दो स्टाफ सदस्यों ने सरेराह एक ट्यूटर और उसकी पत्नी से अभद्रता व मारपीट की।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शहरभर में कोचिंग संस्थानों की कार्यप्रणाली और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।
पंपलेट बांटने को लेकर बढ़ा विवाद : जानकारी के अनुसार, क्रांति नगर निवासी अभय अग्रवाल, जो पेशे से होम ट्यूटर हैं, अपनी पत्नी सेफाली कला मौर्य और दो छात्राओं के साथ 5 नवंबर को अपने कोचिंग संस्थान का प्रचार करने के लिए सीएमडी कॉलेज चौक के पास पंपलेट बांट रहे थे। इसी दौरान जब वे आचार्य इंस्टीट्यूट के सामने पहुँचे, तो वहाँ के स्टाफ सदस्य आदिल और सर्वेश ने उन्हें रोकते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की और पंपलेट बांटने से मना किया। विरोध करने पर दोनों ने गाली-गलौज करते हुए अभय अग्रवाल पर सरेराह हमला कर दिया और उन्हें बेरहमी से पीटा।
पत्नी और मासूम बच्चे के सामने मारपीट : हमले के दौरान अभय की पत्नी सेफाली अपने दो वर्षीय मासूम बच्चे को गोद में लिए बीच-बचाव करने की कोशिश करती रहीं, लेकिन आरोपी टीचर धमकाते हुए मारपीट करते रहे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों आरोपी खुलेआम गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और धमकी देते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में पीड़ित दंपती की बेबसी और आसपास खड़ी भीड़ की चुप्पी, समाज की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाती है।
FIR दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच : पीड़ित अभय अग्रवाल ने घटना की शिकायत तारबाहर थाना में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर क्रमांक 0366/25 दर्ज की है। मामले में आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ 115(2), 296, 3(5) और 351(2) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी कृष्णचंद सिदार ने बताया कि “आरोपियों की पहचान हो चुकी है और उनकी तलाश जारी है।” जांच की जिम्मेदारी सहायक उपनिरीक्षक उदयभान सिंह को सौंपी गई है।
एफआईआर के बयान में सामने आया सच : एफआईआर में अभय अग्रवाल ने कहा है कि,
“मैं अपनी पत्नी सेफाली और दो छात्राओं के साथ पंपलेट बांट रहा था। आदिल और सर्वेश ने पहले मुझे रोका, फिर गंदी गालियाँ देते हुए जान से मारने की धमकी दी और हाथ-मुक्कों से मारा। मेरी पत्नी ने बीच-बचाव किया, लेकिन वे लगातार धमकाते रहे। नाक और गर्दन में दर्द होने के कारण मैं अगले दिन रिपोर्ट दर्ज करा पाया।”
एफआईआर में सेफाली मौर्य, मेघा कलानोरिया और जागृति को प्रत्यक्षदर्शी गवाह के रूप में दर्ज किया गया है।
कोचिंग संस्थानों की प्रतिस्पर्धा बनी हिंसा की वजह : बिलासपुर में दर्जनों कोचिंग संस्थान छात्रों को लुभाने के लिए तरह-तरह की मार्केटिंग रणनीतियाँ अपनाते हैं। आचार्य इंस्टीट्यूट और अन्य कोचिंग सेंटरों के बीच प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ चुकी है कि अब यह दबाव, डराने-धमकाने और हिंसा का रूप ले चुकी है। शिक्षा के नाम पर चल रहे इन व्यवसायिक संस्थानों की ‘गुंडा मार्केटिंग’ पर प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
वायरल वीडियो पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शहरवासियों का कहना है कि –
“अगर शिक्षक ही सड़क पर गुंडागर्दी करेंगे, तो बच्चों को क्या सीख देंगे?”
सामाजिक संगठनों ने आचार्य इंस्टीट्यूट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कोचिंग सेंटरों की कार्यप्रणाली की निगरानी व्यवस्था लागू करने की मांग की है।
शिक्षा बनाम व्यवसाय – सवाल समाज से : यह घटना केवल एक ट्यूटर पर हमला नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की नैतिकता पर हमला है।जहाँ शिक्षा संस्थान ज्ञान और संस्कार का केंद्र होने चाहिए, वहीं अब वे व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा और हिंसक प्रवृत्तियों के अड्डे बनते जा रहे हैं।
प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए यह एक परीक्षा की घड़ी है –
क्या वे शिक्षा के नाम पर चल रही इस गुंडागर्दी पर लगाम लगा पाएंगे, या फिर यह “नया सामान्य” बन जाएगी?




