राज्योत्सव से पहले छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान: राजधानी रायपुर में बवाल, आरोपी गिरफ्तार – जनआक्रोश सड़कों पर फूटा…

रायपुर, 27 अक्टूबर 2025। राज्योत्सव की तैयारी में डूबे छत्तीसगढ़ की राजधानी रविवार की रात अचानक गुस्से और आक्रोश से थर्रा उठी, जब छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा से तोड़फोड़ की खबर सामने आई। यह घटना तेलीबांधा इलाके में हुई, जहां कुछ ही घंटों में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना मौके पर पहुंची और जमकर हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ी कि क्रांति सेना और पुलिस के बीच झड़प तक हो गई।
जनता के आक्रोश और संगठन के दबाव के बाद प्रशासन हरकत में आया। सोमवार सुबह पुलिस ने प्रतिमा को दोबारा स्थापित किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

नशे में था आरोपी, मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया गया : तेलीबांधा पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी का नाम मनोज सतनामी है, रायगढ़ जिले पुसौर का रहने वाला है। उसे सोमवार सुबह राम मंदिर के पास से पकड़ा गया।
CSP रामाकांत साहू ने बताया कि मनोज मानसिक रूप से बीमार है और नशे की हालत में प्रतिमा तोड़ दी। उसके परिजनों ने भी स्वीकार किया है कि मनोज का इलाज सेंद्री और रांची में चल चुका है और वह अक्सर उग्र व्यवहार करता है। पुलिस ने तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान बना अस्मिता का प्रश्न : इस घटना ने पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ी अस्मिता और स्वाभिमान की बहस को हवा दे दी है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इसे महतारी के सम्मान पर हमला बताया। संगठन के एक सदस्य तो भावुक होकर रो पड़े -“यह सिर्फ मूर्ति नहीं, हमारी अस्मिता की प्रतीक है,” उन्होंने कहा।
सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक, लोगों ने इस कृत्य की निंदा की और दोषी को कड़ी सजा की मांग की। कई जगहों पर लोगों ने “छत्तीसगढ़ महतारी की जय” के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री आमने-सामने : मामला गर्माने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा –
“जिसने भी यह कृत्य किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ की आस्था और अस्मिता से खिलवाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी।”
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा –
“कहीं यह भाजपा सरकार की वही सोच तो नहीं, जिसने सरकारी कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीरें हटाई थीं?
भाजपा समझ ले – अगर जनता के आक्रोश को अनदेखा किया गया, तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। छत्तीसगढ़ महतारी की जय! बात हे अभिमान के – छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के।”
राजनीतिक सरगर्मी और संगठनात्मक चेतावनी : कांग्रेस ने इसे भाजपा राज में छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर हमला बताया है। प्रवक्ता ने कहा –
“भाजपा शासन में अस्मिता और संस्कृति दोनों खतरे में हैं। जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।”
वहीं, बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि आरोपी का मुंडन कर जुलूस निकाला जाए और राजधानी में 36 फीट ऊंची छत्तीसगढ़ महतारी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए।
सवाल अब भी कायम : राज्योत्सव से ठीक पहले हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या यह महज़ एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की हरकत थी, या फिर किसी गहरी राजनीतिक या सांस्कृतिक मानसिकता की झलक? छत्तीसगढ़ की जनता अब जवाब चाहती है, क्योंकि महतारी केवल एक मूर्ति नहीं – छत्तीसगढ़ की आत्मा है।




