एनएचएम कर्मियों की ‘मोदी गारंटी’ पर तेज हुई दस्तक – स्वास्थ्य मंत्री ने दी बहाली की गारंटी, अब निगाहें प्रधानमंत्री की घोषणा पर…

रायगढ़, 01 नवंबर 2025 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ आगमन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हजारों संविदा कर्मियों ने “मोदी गारंटी लागू करो” के नारे के साथ जोरदार स्वागत किया। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मोदी के दौरे ने एक बार फिर नियमितीकरण की मांग को राजनीतिक केंद्र में ला दिया है।
बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान एनएचएम कर्मचारियों के नियमितीकरण को “मोदी गारंटी” के तहत शामिल किया था। अब कर्मचारियों का कहना है कि एक साल बीत चुका है, लेकिन गारंटी अब तक अमल में नहीं आई।
स्वास्थ्य मंत्री के साथ सार्थक बातचीत : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने आज विस्तृत चर्चा की। बैठक में मंत्री जी ने कहा –
“एनएचएम कर्मियों ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। सरकार उनके हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। 25 बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी और उसके बाद शेष मांगों पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।”
संघ पदाधिकारियों ने मंत्री के इस आश्वासन को “सकारात्मक संकेत” करार दिया है और कहा कि अब उन्हें “मोदी गारंटी के धरातल पर उतरने की पूरी उम्मीद” है।
कर्मचारियों में नया उत्साह, लेकिन सवाल बरकरार : रायगढ़ जिला एनएचएम अध्यक्ष श्रीमती शकुंतला एक्का, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी और महासचिव कौसलेश तिवारी ने बताया कि-
“यह सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर है। हमें भरोसा है कि अब जल्द ही ठोस निर्णय सामने आएगा।”
वहीं संघ के प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने कहा –
“प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ आगमन से कर्मचारियों में नया जोश है। हमें पूरा विश्वास है कि मोदी जी इस दिशा में कोई बड़ा फैसला करेंगे।”
33 दिन की हड़ताल के बाद भी लंबित है ‘गारंटी’ : गौरतलब है कि पिछले माह एनएचएम कर्मियों ने नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 33 दिनों तक हड़ताल की थी। सरकार ने वार्ता कर आंदोलन समाप्त कराया था, लेकिन अब तक “मोदी गारंटी” के तहत वादा पूरा नहीं हुआ है।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 जैसी आपदाओं में फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभाई, लेकिन अब तक स्थायित्व और सम्मान से वंचित हैं।
अब नजरें प्रधानमंत्री पर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ माने जाने वाले 20 हजार से अधिक एनएचएम कर्मियों की निगाहें अब प्रधानमंत्री मोदी की सभा और संभावित घोषणा पर टिकी हैं।
यदि इस बार “मोदी गारंटी” पर ठोस निर्णय आता है, तो यह न केवल एनएचएम परिवार बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
संघ ने सभी कर्मियों से एकजुटता बनाए रखने और सरकार के सकारात्मक रुख का स्वागत करने की अपील की है, लेकिन संदेश स्पष्ट है —
“गारंटी दी है तो निभानी भी होगी।”




