रायगढ़

रायगढ़ : MSP स्टील प्लांट में कन्वेयर बेल्ट हादसे में मजदूर की मौत, सुरक्षा मानकों की खुली अनदेखी; औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने प्रबंधन को नोटिस किया जारी …

रायगढ़। जिले के जामगांव स्थित MSP Steel & Power Limited प्लांट में 24 नवंबर को हुए दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्लांट के किल्न नंबर-2 में कार्यरत फिटर लक्ष्मण प्रसाद साहू रिपेयरिंग के काम के दौरान कन्वेयर बेल्ट की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही स्थिति गंभीर हो गई और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब वे इंजेक्शन सर्किट की फीडिंग लाइन में मरम्मत कर रहे थे, जबकि सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार बेल्ट को पूरी तरह बंद रहना आवश्यक था।

घटना के बाद औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग (Industrial Health & Safety Department) की टीम उप संचालक के नेतृत्व में प्लांट पहुंची और घटना स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया। विभागीय जांच में कई गंभीर सुरक्षा खामियां सामने आईं, जिनमें मशीनरी के चालू रहते हुए मरम्मत कार्य कराना, ‘लॉक-आउट टैग-आउट’ (LOTO) सिस्टम का अनुपालन न होना, सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता, चेतावनी बोर्डों का अभाव और मौके पर किसी सुरक्षा अधिकारी की गैरमौजूदगी शामिल है। इन तथ्यों के आधार पर विभाग ने प्रारंभिक निष्कर्ष में इसे “स्पष्ट सुरक्षा लापरवाही” कहा है।

जांच के बाद कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत प्लांट के अधिभोगी प्रदीप कुमार डे और फैक्ट्री प्रबंधक संजय सिंह परिहार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है। विभाग ने दोनों अधिकारियों से स्पष्ट किया है कि वे लिखित रूप से बताएं कि बिना सुरक्षा मानकों के मरम्मत कार्य कैसे कराया गया और इस हादसे की जवाबदेही किसकी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर कंपनी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई, भारी आर्थिक दंड और अभियोजन की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।

घटना के अगले दिन मृतक के परिजन, मजदूर और स्थानीय ग्रामीण प्लांट के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को स्थायी नौकरी, मृतक की पत्नी को आजीवन पेंशन और बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च कंपनी द्वारा उठाए जाने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि प्लांट में बार-बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, जिसकी कीमत मजदूरों को अपनी जान से चुकानी पड़ती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उचित मुआवजा और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

इस घटना को और गंभीर बनाता है कि स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार MSP प्लांट में दो दिनों के भीतर दो बड़े हादसे हुए हैं। दैनिक श्रमिकों और ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट में सुरक्षा मानकों का पालन केवल कागजों में होता है, जबकि वास्तविक कार्यस्थल पर हालात बेहद खराब हैं। मजदूरों ने दावा किया है कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई हादसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश को प्रबंधन ने दबा दिया या मामूली बताया।

उधर चक्रधरनगर पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और IHS&D की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे लापरवाही से मृत्यु और कारखाना अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज कर सकती है।

यह घटना सिर्फ एक मजदूर की मौत नहीं है, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा संस्कृति पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। बार-बार होने वाली दुर्घटनाएँ इस बात को स्पष्ट करती हैं कि उत्पादन लक्ष्य और लागत कम करने की होड़ में मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। जब तक सुरक्षा को कठोरता से लागू नहीं किया जाएगा, ऐसे हादसे केवल आंकड़ों में बदलते रहेंगे और मजदूरों की जान उसी तरह जोखिम में बनी रहेगी।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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