रायपुर

“वेटिंग लिस्ट के 417 कैंडिडेट्स के सपने चकनाचूर – गृहमंत्री का बयान बना बेरोजगारों पर दोहरी चोट…”

रायपुर। छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स (CAF) भर्ती 2018 में चयनित 417 वेटिंग लिस्ट अभ्यर्थियों की कहानी अब बेरोजगारी, निराशा और उपेक्षा की दास्तां बन चुकी है। सात साल बीत चुके हैं, 3 हजार से ज्यादा पद खाली हैं, लेकिन वेटिंग लिस्ट वालों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली। सरकारें बदलती रहीं, मंत्री-नेता आश्वासन देते रहे, और अभ्यर्थी दफ्तरों–बंगलों के चक्कर लगाते रहे।

गृहमंत्री का पल्ला झाड़ना: “कोर्ट जाइए” : सोमवार को अभ्यर्थी गृहमंत्री विजय शर्मा के बंगले पहुंचे। लेकिन यहां भी उम्मीद टूटी। गृहमंत्री ने साफ कहा – “आप गलत जगह आए हैं, कोर्ट जाइए। जो फैसला आएगा, सरकार वही करेगी।” यानी सरकार सीधे-सीधे हाथ खींच चुकी है।

बेरोजगारी से टूटी उम्मीदें, खेती – मजदूरी कर रहे युवा :

  • सक्ति के सुजीत बोले– “2 साल तैयारी की, अब खेती कर रहा हूं। नौकरी की आस थी, पर निराशा ही मिली।”
  • धमतरी के रंजीत नाग कहते हैं– “रोज सुबह-शाम मैदान में पसीना बहाया। अब किसान बन गया हूं। सरकार सुनती नहीं।”
  • बस्तर के विद्यानंद चौहान का 26वां नंबर है। बोले– “परिवार में 8 लोग हैं, मजदूरी करके सबका पेट पाल रहा हूं। यह नौकरी सिर्फ मेरे लिए नहीं, पूरे परिवार के लिए जरूरी है।”
  • जितेंद्र दास का दर्द और गहरा है– “नक्सली बन जाते तो नौकरी भी मिल जाती। हमारा बयान वायरल हुआ तो इंटेलिजेंस तक ने पूछा कि कहीं नक्सली तो नहीं बन गए?”

ओवरएज हो चुके आधे से ज्यादा कैंडिडेट : 2018 में जिनकी उम्र 28 से 32 थी, अब वे 36 से 40 साल के हो चुके हैं। 417 में से करीब 250 अभ्यर्थी अब किसी नई भर्ती के लिए अयोग्य हो गए हैं। यानी सरकार की बेरुखी ने इन्हें हमेशा के लिए नौकरी की दौड़ से बाहर कर दिया।

CAF में खाली हैं हजारों पद, भर्ती नहीं :

  • छत्तीसगढ़ पुलिस बल में 83,259 स्वीकृत पद हैं। इनमें सिर्फ 65,439 जवान कार्यरत हैं।
  • यानी 17,820 पद खाली हैं, लेकिन भर्ती की रफ्तार बेहद धीमी है।
  • कॉन्स्टेबल के 10,436 पद, हेड कॉन्स्टेबल के 827 पद, सूबेदार के 77 पद खाली हैं।
  • CAF में पिछले 6 साल से भर्ती नहीं हुई।

सिस्टम की लापरवाही : जबकि सरकार चाहे तो रिक्त पदों पर वेटिंग लिस्ट से सीधे नियुक्ति कर सकती है। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और नौकरशाही की बेरुखी से ये मामला लटका पड़ा है।

पुलिस बल कमजोर, अपराध जांच पेंडिंग : जवानों की कमी का असर अपराध जांच पर भी दिख रहा है। रायपुर में अकेले 2024 में 17,693 अपराध दर्ज हुए, जिनमें से जनवरी 2025 तक 1,713 मामले पेंडिंग हैं।

सवाल खड़े होते हैं –

  • जब CAF में हजारों पद खाली हैं, तो वेटिंग लिस्ट वालों को क्यों नहीं नियुक्त किया गया?
  • 7 साल तक युवाओं को दर-दर भटकाने की जिम्मेदारी किसकी है?
  • ओवरएज हो चुके युवाओं का भविष्य कौन संभालेगा?
  • क्या सरकार बेरोजगार युवाओं को नक्सलवाद की ओर धकेल रही है?

यह मामला सिर्फ 417 अभ्यर्थियों का दर्द नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी, राजनीतिक उदासीनता और भर्ती प्रक्रिया की विफलता का आईना है।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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