भारत सम्मान न्यूज़ के संपादक श्री जितेंद्र जायसवाल जी के पूज्य पिताश्री का निधन, पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल…

अंबिकापुर। पत्रकारिता जगत से लेकर आम जनमानस तक हर दिल को झकझोर देने वाली खबर आई है। भारत सम्मान न्यूज़ के संपादक एवं निर्भीक पत्रकार श्री जितेंद्र जायसवाल जी के पूज्य पिताश्री का सोमवार को निधन हो गया। उनके स्वर्गवास की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की गहरी छाया फैल गई।
त्याग और सादगी की जीवंत मिसाल :
दिवंगत पिताश्री को परिवारजनों, मित्रों और परिचितों ने न केवल एक जिम्मेदार पिता, बल्कि त्याग, सादगी और सेवा-भाव की अद्वितीय पहचान के रूप में याद किया। उनका जीवन “नेकी कर, दरिया में डाल” की कहावत का साक्षात् रूप था।
वे कहा करते थे – “भलाई अगर गिनाने लगो तो वह सौदा हो जाता है, नेकी नहीं।” यही विचारधारा उनका परिचय बन गई, जिसने उन्हें समाज में अलग पहचान दी।
पैतृक संपत्ति से भी बड़ा मानवीय रिश्ता : सबसे बड़ी बात यह रही कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी अपनी पैतृक संपत्ति पर दावा नहीं किया। उनके लिए परिवार का सद्भाव और रिश्तों की मजबूती ही सबसे बड़ी पूंजी थी। उनका मानना था कि- “परिवार को जोड़कर रखना, अपने हिस्से से ज्यादा दूसरों को देना ही इंसान की असली दौलत है।”
समाज के लिए प्रेरणा : उनकी उदारता और त्याग समाज के लिए एक अमर संदेश है कि असली संपत्ति न धन है, न जमीन -बल्कि इंसान का चरित्र, साहस और प्रेम ही है।
जितेंद्र जायसवाल हुए भावुक :
पिताश्री के निधन को परिवार ने अपूरणीय क्षति बताया है। भावुक होकर श्री जितेंद्र जायसवाल ने कहा –“पिता जी का जाना हमारे लिए असहनीय दुख है, लेकिन उनकी शिक्षाएं और आदर्श हमेशा हमारे जीवन का हिस्सा रहेंगे। हम यह संकल्प लेते हैं कि उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज और परिवार के बीच प्रेम, करुणा और एकता को बढ़ाएंगे।”
🕊️ श्रद्धांजलि : परिजनों, मित्रों और शुभचिंतकों ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
✍️ पिता जी हमेशा जीवित रहेंगे –
अपनी स्मृतियों, अपने कार्यों और अपने त्याग में।
🙏 ॐ शांति 🙏