रायगढ़

कलेक्टर के निर्देश पर धान माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू – छाल में 900 बोरा अवैध धान जब्त, प्रशासन अलर्ट मोड पर…

रायगढ़, 8 नवम्बर 2025। धान खरीदी सीजन से पहले रायगढ़ जिला प्रशासन ने अवैध धान कारोबार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर शुक्रवार की रात तहसील छाल के ग्राम हाटी में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक टीम ने कुल 900 बोरा अवैध धान जब्त किया। इनमें एक ट्रक में भरे 600 बोरा और गोदाम में रखे 300 बोरा शामिल हैं। मौके पर मंडी निरीक्षक की मौजूदगी में जब्ती की कार्रवाई की गई और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रशासन की चौकसी, माफियाओं में हड़कंप : धान खरीदी 15 नवम्बर से शुरू होनी है, लेकिन उससे पहले ही अवैध भंडारण और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई ने धान माफियाओं में हड़कंप मचा दिया है। जिला प्रशासन ने साफ कहा है – “किसी भी स्थिति में अवैध धान जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।”

24×7 निगरानी, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सक्रिय : कलेक्टर के निर्देश पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है जो 24 घंटे सक्रिय रहेगा। इसके जरिए जिलेभर में हो रही गतिविधियों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही, जिला स्तरीय कंट्रोल टीम और प्रत्येक तहसील में फ्लाइंग स्क्वॉड गठित किए गए हैं, जो मौके पर जाकर कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।

सीमाओं पर सख्त निगरानी : अवैध धान परिवहन की संभावनाओं को रोकने के लिए जिले की सीमाओं पर 10 अंतरराज्यीय और 15 आंतरिक चेकपोस्ट बनाए गए हैं। इन चेकपोस्ट पर अधिकारियों की टीम लगातार गाड़ियों की जांच कर रही है। किसी भी संदिग्ध वाहन को तत्काल रोका जा रहा है।

खरीदी केंद्रों में पूरी तैयारी : इधर, धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले प्रशासन ने सभी उपार्जन केंद्रों में तौल मशीन, बारदाना, पेयजल, बिजली और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर ली है। कलेक्टर चतुर्वेदी ने कहा है कि “सरकार का लक्ष्य किसानों को उचित मूल्य और पारदर्शी खरीदी व्यवस्था देना है, इसलिए अवैध धान कारोबार को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

सख्त चेतावनी : प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध धान परिवहन, भंडारण या इसमें संलिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिले में इस समय प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह अलर्ट मोड पर है, ताकि धान खरीदी प्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़

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