खाकी की ‘सटीक विवेचना’ ने फिर दिलाई सजा : इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू की जांच से पत्नी के हत्यारे को 10 साल की जेल…

रायगढ़। “अपराधी कितना भी शातिर हो, अगर विवेचना वैज्ञानिक और सटीक हो, तो उसका बचना नामुमकिन है।” रायगढ़ पुलिस ने इस कथन को एक बार फिर सच कर दिखाया है। तत्कालीन थाना प्रभारी खरसिया, इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू की निष्पक्ष जांच के चलते पत्नी की हत्या के आरोपी कुशल चौहान को न्यायालय ने 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
बैक-टू-बैक सफलता : इंस्पेक्टर कुमार गौरव साहू के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले भी उनकी विवेचना के आधार पर रायपुर के दीनदयाल नगर थाना क्षेत्र के एक हत्या मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। अब रायगढ़ के इस प्रकरण में भी उन्होंने ठोस सबूतों और 15 गवाहों के बयानों का ऐसा जाल बुना कि आरोपी को सजा होकर ही रही।
न्यायालय में ऐसे साबित हुआ जुर्म : सत्र न्यायाधीश श्री जितेंद्र कुमार जैन के समक्ष लोक अभियोजक श्री पी.एन. गुप्ता ने पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को मजबूती से रखा। मेमोरेंडम कथन, फॉरेंसिक रिपोर्ट और पटवारी नक्शा जैसे अहम दस्तावेजों ने अभियोजन का पक्ष मजबूत किया, जिसके परिणाम स्वरूप आरोपी को धारा 105 बीएनएस के तहत दंडित किया गया। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल ने इस सफलता को जिले में कानून के राज और पुलिस की दक्षता का प्रमाण बताया है।




