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“आश्वासनों का गुब्बारा, आदेश कहाँ?” – सिर मुंडाकर शासन को दी चेतावनी…17वें दिन भी NHM कर्मचारियों की हड़ताल जारी…

रायगढ़, 03 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार 17वें दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं।
सरकार की ढुलमुल नीति और प्रशासन की टालमटोल से नाराज़ कर्मचारियों ने आज सिर मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया और शासन को स्पष्ट चेतावनी दी – “अब आश्वासन नहीं, केवल लिखित आदेश चाहिए।”

24 घंटे का काला फरमान” – सिर मुंडाकर विरोध : प्रशासन द्वारा जारी 24 घंटे में सेवा समाप्त करने की धमकी को कर्मचारियों ने “काला आदेश” करार दिया। इसका जवाब उन्होंने सिर मुंडवाकर दिया। कर्मचारियों का कहना है कि यह सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध नहीं, बल्कि दो दशकों से जारी शोषण के खिलाफ बगावत है।

स्वास्थ्य भवन का घेराव – वार्ता नाकाम : बीते दिन रायपुर स्थित स्वास्थ्य भवन का घेराव करने पहुंचे कर्मचारियों की वार्ता बेनतीजा रही।
कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन बार-बार मौखिक आश्वासन दे रहा है, लेकिन लिखित सहमति देने से कतरा रहा है। कर्मचारी सवाल कर रहे हैं – “क्या सरकार की गारंटी केवल भाषणों और नारों तक सीमित है?”

“पाँच मांगे मान लीं” – मगर आदेश कहाँ?

शासन का दावा है कि कर्मचारियों की पाँच मांगें स्वीकार कर ली गई हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है।
विशेषकर ग्रेड-पे निर्धारण का मुद्दा अब भी लंबित है।
कर्मचारियों ने तीखा सवाल उठाया – “अगर मांगे मान ही ली गई हैं तो कागज़ों पर मुहर लगाने से सरकार डर क्यों रही है?”

“मोदी की गारंटी का क्या हुआ?” सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कर्मचारियों ने पूछा  – “जब हम 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाओं को संभाल सकते हैं, तो हमारी मांगों को पूरा करने में सरकार को इतनी मुश्किल क्यों? क्या ‘मोदी की गारंटी’ केवल चुनावी नारा था?”

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर – जिम्मेदारी किसकी? प्रदेश की 6,239 स्वास्थ्य संस्थाएँ हड़ताल से प्रभावित हैं। कर्मचारी साफ कह रहे हैं – “अगर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती है तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं, शासन-प्रशासन की होगी। हम स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार हमें मजबूर कर रही है।”

कर्मचारी संघ का अल्टीमेटम संघ ने दो टूक कहा है –“खोखले आश्वासनों का दौर खत्म हो चुका है। अब केवल लिखित आदेश ही हड़ताल खत्म कर सकता है। अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो आंदोलन और उग्र होगा। नारायणपुर से रायपुर तक कर्मचारी एकजुट हैं और अब पीछे हटना नामुमकिन है।”

NHM कर्मचारियों की 10 सूत्रीय प्रमुख मांगें :

  1. नियमितीकरण
  2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
  3. ग्रेड-पे निर्धारण
  4. 27% वेतन वृद्धि
  5. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
  6. नियमित भर्ती में आरक्षण
  7. अनुकंपा नियुक्ति
  8. मेडिकल व अन्य अवकाश की सुविधा
  9. सेवा सुरक्षा
  10. लंबित मामलों का निपटारा

लगातार 17 दिन से जारी हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को गहराई से प्रभावित करना शुरू कर दिया है, मगर शासन-प्रशासन अब भी चुप्पी साधे हुए है।

कर्मचारियों की मांग साफ है – “आश्वासन नहीं, आदेश चाहिए।”
अब सवाल यह है कि क्या सरकार लिखित आदेश जारी कर इस संघर्ष का समाधान निकालेगी, या फिर आंदोलन और उग्र रूप लेगा?

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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