चक्रधर समारोह 2025 : शास्त्रीय संगीत के साथ लोक कलाओं का संगम, अबूझमाड़ का मलखम्ब दल बनेगा आकर्षण का केंद्र…

रायगढ़। जिले का ऐतिहासिक चक्रधर समारोह इस वर्ष 27 अगस्त से रंगारंग आगाज करने जा रहा है। कला और संस्कृति के इस महापर्व में देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। शास्त्रीय संगीत और नृत्य से लेकर छत्तीसगढ़ी लोक कलाओं और पारंपरिक खेल मलखम्ब तक – यह मंच विविधता और भारतीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर का जीवंत गवाह बनेगा।
शास्त्रीय और लोक कलाओं का संगम : समारोह के दौरान कथक, ओडिसी और भरतनाट्यम जैसी शास्त्रीय नृत्य शैलियां मंच पर जीवंत होंगी। कथक जहां उत्तर भारत की झलक पेश करेगा, वहीं ओडिसी पूर्वी भारत और भरतनाट्यम दक्षिण भारत की प्राचीन परंपरा की झांकी कराएगा। शास्त्रीय गायन व वादन में सितार, तबला, संतूर और बांसुरी के मधुर स्वर रसिकों को मंत्रमुग्ध करेंगे।

साथ ही, छत्तीसगढ़ की धरती से उपजे पंथी नृत्य, लोकगीत और लोकरंग प्रस्तुतियां प्रदेश की संस्कृति और जनजीवन के रंगों को मंच पर बिखेरेंगी।
अबूझमाड़ का मलखम्ब दल: समारोह का मुख्य आकर्षण – समारोह का सबसे खास आकर्षण होगा अबूझमाड़ का प्रसिद्ध मलखम्ब दल, जो 03 सितंबर को अपनी अद्भुत प्रस्तुति देगा। श्री मनोज प्रसाद के नेतृत्व में यह दल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे भारत का गौरव है।
वर्ष 2023 में इस दल ने इंडियाज गॉट टैलेंट का खिताब जीतकर देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। इसके साथ ही भूटान में आयोजित विश्व मलखम्ब चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और खेलो इंडिया गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है।
मलखम्ब भारत का पारंपरिक खेल है, जिसमें खिलाड़ी ऊर्ध्वाधर खंभे या रस्सी पर योग और जिम्नास्टिक जैसी अद्भुत मुद्राएं करते हैं। ‘मलखम्ब’ शब्द ‘मल्ल’ (पहलवान) और ‘खंभ’ (स्तंभ) से मिलकर बना है। महाराष्ट्र से उत्पन्न यह कला आज भारत की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है।
समारोह बनेगा अविस्मरणीय :चक्रधर समारोह 2025 केवल शास्त्रीय और लोक कलाओं का उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और परंपरा का महाकुंभ होगा। जहां शास्त्रीय राग-रागिनियों की गूंज रसिकों को तृप्त करेगी, वहीं लोक कलाओं की छटा और मलखम्ब की रोमांचक प्रस्तुति इसे अविस्मरणीय बना देगी।