रायगढ़

धरमजयगढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा : 48 घंटे में चांदमारी डबरी हत्याकांड सुलझा, दो आरोपी गिरफ्तार ; रंजिश में रची थी खौफनाक साजिश, लोहे की रॉड और पेचकस से दोस्त की बेरहमी से हत्या…

रायगढ़, 24 अक्टूबर। धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र में हुए चर्चित चांदमारी डबरी हत्याकांड का पुलिस ने महज 48 घंटे में खुलासा कर दिया है। मामूली विवाद और रंजिश के चलते दो दोस्तों ने मिलकर अपने ही साथी की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड, पेचकस और मोबाइल फोन बरामद कर लिया है।

धरमजयगढ़ एसडीओपी सिद्धांत तिवारी ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 22 अक्टूबर की सुबह डुगरूपारा निवासी कैलाश सारथी (19 वर्ष) का शव चांदमारी डबरी में पानी के ऊपर तैरता मिला था। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों एसपी दिव्यांग पटेल, एएसपी आकाश मरकाम, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा और एफएसएल टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मृतक के सिर पर गंभीर चोट, कान कटे होने और गले पर नाखूनों के निशान पाए गए थे। घटनास्थल पर खून के धब्बे और घसीटने के निशान मिलने से साफ था कि हत्या कहीं और हुई और साक्ष्य छिपाने के लिए शव को डबरी में फेंका गया।

मृतक के चाचा रामनिवास सारथी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 277/2025 धारा 103(1), 238, 3(5) बीएनएस के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस ने मृतक के परिजनों और मित्रों से पूछताछ की, जिसमें खुलासा हुआ कि हत्या की रात कैलाश को सुरेश यादव उर्फ लल्ला (26 वर्ष) और अजीत कुमार यादव (23 वर्ष), दोनों निवासी जेलपारा, धरमजयगढ़, के साथ देखा गया था। शक के आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर सघन पूछताछ की गई, तो उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली।

दोनों ने बताया कि 21 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे नराई टिकरा में मृतक कैलाश के साथ गाली-गलौज और विवाद हुआ था, जिससे नाराज होकर उन्होंने बदला लेने की ठानी। आरोपी सुरेश ने पहले से लोहे की रॉड चांदमारी क्षेत्र में छिपाकर रखी थी। उसी रात अजीत ने कैलाश को बहाने से वहीं बुलाया। तीनों ने साथ बैठकर शराब पी, और इसी दौरान सुरेश ने मौका पाकर छिपाई रॉड से कैलाश के सिर पर वार किया। जब वह गिर पड़ा, तब अजीत ने पेचकस से दो-तीन बार वार कर उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। इसके बाद दोनों ने शव को घसीटकर डबरी में फेंक दिया और घटनास्थल से फरार हो गए।

पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त रॉड, पेचकस और मृतक का मोबाइल फोन खेत से बरामद किया, साथ ही सुरेश यादव के घटना के वक्त पहने कपड़े भी जब्त किए गए। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि अगर जांच में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता पाई जाती है तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस हत्याकांड का पर्दाफाश एसपी श्री दिव्यांग पटेल के दिशा निर्देशन में एएसपी आकाश मरकाम, डीएसपी अनिल विश्वकर्मा और एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन में किया गया। मामले के खुलासे में टीआई सीताराम ध्रुव, एएसआई गंगाराम भगत, डेविड टोप्पो, प्रधान आरक्षक प्रकाश गिरी, आरक्षक विकास सिंह, विनय तिवारी, कमलेश राठिया, विजयनंद राठिया, कीर्ति सिदार, हेमलाल बरेठ, ललित राठिया के साथ साइबर सेल टीम के राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, प्रशांत पंडा, महेश पंडा, पुष्पेंद्र जाटवर, विक्रम सिंह, विकास प्रधान, नवीन शुक्ला और प्रताप बेहरा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

धरमजयगढ़ पुलिस की तत्परता और सूझबूझ से खुला यह हत्याकांड एक बार फिर साबित करता है कि अपराध कितना भी गहराया क्यों न हो, पुलिस की सतर्कता और टीमवर्क के आगे छिप नहीं सकता।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़

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