जिंदल पावर प्लांट की प्रस्तावित कोल माइंस परियोजना के खिलाफ उफना जनविस्फोट, ग्रामीणों ने लोक सुनवाई रद्द करने की माँग उठाई…

रायगढ़। जिंदल पावर प्लांट की प्रस्तावित कोल माइंस परियोजना का विरोध अब उग्र होता जा रहा है। ग्राम पंचायत आमगांव के सैकड़ों ग्रामीण सोमवार दोपहर रायगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए 14 अक्टूबर को प्रस्तावित लोक सुनवाई को तत्काल रद्द करने की माँग की।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि-
“हम अपनी सरकारी, निजी और वनभूमि किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।”
नारेबाजी के साथ कलेक्ट्रेट पहुँची रैली : दोपहर लगभग 12 बजे आमगांव के ग्रामीण अंबेडकर चौक पर एकत्र हुए। यहाँ से वे जोरदार नारेबाजी करते हुए रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुँचे।

ज्ञापन में बताया गया कि गारे पेलमा सेक्टर-1 ओपनकास्ट कम अंडरग्राउंड कोल माइंस के लिए ग्राम पंचायत आमगांव को प्रभावित क्षेत्र में शामिल किया गया है। इस परियोजना के लिए 14 अक्टूबर को ग्राम धौराभांठा में पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई तय की गई है।
“प्रदूषण की मार पहले से झेल रहे, नई खदान नहीं चाहिए” : ग्रामीणों ने कलेक्टर और पर्यावरण अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में चेतावनी दी कि कोल माइंस से पर्यावरण और जनजीवन को भारी नुकसान होगा। ग्रामीणों ने कहा—
- “प्लांट का पहले भी विस्तार हुआ, लेकिन हमें न तो सही मुआवजा मिला और न रोजगार।”
- “गाँव पहले से प्रदूषण की मार झेल रहा है, अब नई परियोजना किसी भी हाल में स्वीकार नहीं होगी।”
ग्राम सभा का साफ निर्णय – खदान नहीं : प्रदर्शनकारियों में शामिल राजेश त्रिपाठी और कन्हाई पटेल ने बताया कि आमगांव में हुई ग्राम सभा में प्रस्तावित कोल माइंस के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है—
“अब कोई नई परियोजना गाँव में नहीं आने दी जाएगी।”
अधिकारियों को चेतावनी : अतिरिक्त कलेक्टर ने ज्ञापन प्राप्त कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों का जत्था पर्यावरण कार्यालय पहुँचा और वहाँ भी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने प्रशासन को दो टूक संदेश दिया है—
“अगर लोक सुनवाई जबरन कराई गई, तो आमगांव की जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।”




