रायगढ़

नर्सरी के जंगल की लकड़ी को लेकर मची मारपीट में मौत — पत्थलगांव पुलिस ने चार आरोपियों को दबोचा, भेजा जेल

जशपुर।हैप्पी भाटिया : जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र के ग्राम जोराडोल, सुगापारा में लकड़ी काटने को लेकर हुए विवाद ने एक व्यक्ति की जान ले ली। मृतक की पहचान इंदबल मांझी (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

लकड़ी के जलाऊ को लेकर हुआ था विवाद : पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 18 अक्टूबर 2025 को ग्राम जोराडोल के नर्सरी जंगल से जलाऊ लकड़ी लाने की बात को लेकर गांव के ही हृदन उर्फ हिरदन साय (36), डोमन साय मांझी (33) और अशोक मांझी (35) ने मृतक इंदबल मांझी के साथ जमकर मारपीट की थी। अगले दिन 19 अक्टूबर को इसी विवाद को लेकर नईहर साय मांझी (45) ने भी लकड़ी की लाठी से इंदबल की पिटाई की, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।

परिजनों के अनुसार, मारपीट के बाद इंदबल को लगातार खून की उल्टी होती रही, जिसके बाद उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान 20 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

हत्या का मामला दर्ज, लाठी जप्त : घटना की सूचना अस्पताल से पत्थलगांव थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। विवेचना में मृतक की पत्नी सुनोबाई के बयान और सबूतों के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) एवं 3(5) के तहत हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त लकड़ी की लाठी भी बरामद की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई : थाना प्रभारी पत्थलगांव निरीक्षक विनीत कुमार पांडे के नेतृत्व में आरक्षक कमलेश्वर वर्मा, राजेंद्र रात्रे, तुलसी रात्रे, आशीषन टोप्पो और पदुम वर्मा की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में चारों ने अपराध स्वीकार किया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

जशपुर एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि –

“पत्थलगांव थाना क्षेत्र में मारपीट के कारण एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।”

संक्षेप में: एक मामूली लकड़ी के जलाऊ विवाद ने जानलेवा रूप ले लिया। यह मामला ग्रामीण इलाकों में संसाधनों के बंटवारे और विवादों के खतरनाक परिणामों को उजागर करता है। पुलिस की तत्पर कार्रवाई ने जहां न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाया है, वहीं यह घटना समाज को भी एक सख्त संदेश देती है – हिंसा किसी विवाद का समाधान नहीं।

Ambika Sao

सह-संपादक : छत्तीसगढ़

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