रायगढ़

खरसिया से छाल-घरघोड़ा तक की सड़क बनी दुर्घटनाओं का केंद्र : SECL के ओवरलोड कोयला ट्रकों ने तोड़ी सड़क की कमर, प्रशासन की चुप्पी पर जनता नाराज़…

रायगढ़। जिले के खरसिया क्षेत्र के ऐडु चौक से लेकर छाल-घरघोड़ा चौक तक का मुख्य मार्ग आज अपनी बदहाल स्थिति के कारण दुर्घटनाओं का स्थायी अड्डा बन चुका है। कभी इस क्षेत्र की “जीवनरेखा” कही जाने वाली यह सड़क अब गड्ढों, धूल और अव्यवस्था से जर्जर होकर लोगों की जान के लिए खतरा बन गई है। प्रतिदिन किसी न किसी सड़क दुर्घटना की खबर सुनने को मिल रही है, जबकि संबंधित विभागों की चुप्पी ने नागरिकों का आक्रोश बढ़ा दिया है।

इस स्थिति की सबसे बड़ी वजह है – SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की खेदापाली खुली कोयला खदान। खदान से कोयला ढोने वाले भारी-भरकम ट्रेलर और डंपर इसी मार्ग से लगातार गुजरते हैं। अधिकांश वाहन ओवरलोड रहते हैं, जिसके चलते सड़क की परतें पूरी तरह उखड़ चुकी हैं। जगह-जगह बने गड्ढे, टूटी साइडें और उड़ती धूल इस सड़क को अत्यंत खतरनाक बना चुके हैं।

स्कूल बसों में सफर कर रहे मासूम बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न :
यह मार्ग खरसिया क्षेत्र की मुख्य सड़क मानी जाती है, जिससे होकर रोज़ाना सैकड़ों सवारी बसें, ट्रक, ट्रेलर, निजी वाहन और स्कूल बसें गुजरती हैं। विशेष चिंता की बात यह है कि इन्हीं स्कूल बसों में छोटे-छोटे बच्चे रोज़ सफर करते हैं। सड़क की खराब हालत किसी भी समय किसी बड़ी अनहोनी को जन्म दे सकती है। कई बार मोटरसाइकिल सवारों को कोयला ट्रेलरों से बचने के लिए सड़क किनारे उतरना पड़ता है।

“SECL को मुनाफा, जनता को संकट” – क्षेत्रवासियों का आरोप :
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार PWD विभाग, SECL प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन से सड़क की मरम्मत की मांग की, लेकिन अब तक केवल आश्वासन मिले हैं, ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
निवासियों का कहना है – “SECL को कोयले के परिवहन से भारी लाभ मिल रहा है, लेकिन उसकी वजह से हम रोज़ जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है।”

अब बड़ा सवाल यह है कि जब प्रशासन को भली-भांति पता है कि इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोड कोयला ट्रक गुजरते हैं, तो ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? क्या SECL और PWD विभाग की यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि सड़क को मजबूत और सुरक्षित बनाया जाए?

जनता की चेतावनी अब भरोसे नहीं, कार्रवाई चाहिए : क्षेत्रवासियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत और ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे जन आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। लोगों का कहना है कि अब वे “आश्वासन” नहीं, बल्कि “कार्रवाई” चाहते हैं।

यह सड़क केवल खरसिया क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे इलाके की जनसुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्या बन चुकी है। यदि प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो अगली दुर्घटना किसी बड़े हादसे में बदल सकती है – जिसकी जिम्मेदारी सीधे शासन-प्रशासन पर होगी।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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