
• नियमितीकरण के नाम पर मांगी थी एक लाख की घूस _ संविदा कर्मी को हटाने की धमकी दी थी…
सूरजपुर। मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना, केरता में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश तब हुआ जब सरगुजा एसीबी की टीम ने कारखाने के चीफ इंजीनियर चमरू नायक को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। आरोपी इंजीनियर ने एक संविदा कर्मचारी से नौकरी से नहीं हटाने और नियमित करने के नाम पर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
एसीबी टीम ने योजना बनाकर शुक्रवार को कार्रवाई की, जिसमें पहली किश्त के रूप में 50 हजार रुपए लेते ही आरोपी इंजीनियर को पकड़ लिया गया।
धमकी देकर वसूली का दबाव : जानकारी के मुताबिक, कारखाने में संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत ऑपरेटर प्रदीप कुमार से चीफ इंजीनियर चमरू नायक ने नौकरी से हटाने की धमकी देते हुए कहा था कि यदि वह एक लाख रुपए “सेटिंग” में दे दे, तो उसका नियमितीकरण करवा दिया जाएगा।
रिश्वत की मांग और धमकी से परेशान प्रदीप कुमार ने पूरा मामला सरगुजा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को बताया।
एसीबी की योजना और कार्रवाई : एसीबी टीम ने शिकायत की पुष्टि के लिए फोन पर दोनों के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया, जिसमें रिश्वत की रकम तय होने की पुष्टि हुई। इसके बाद एसीबी की टीम ने गुप्त रणनीति के तहत शुक्रवार को केरता पहुंचकर जाल बिछाया।
शक्कर कारखाना परिसर स्थित सरकारी आवास में जब प्रदीप कुमार ने इंजीनियर चमरू नायक को 50 हजार रुपए की रिश्वत दी, तभी एसीबी टीम ने मौके पर धावा बोल दिया और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई : एसीबी की टीम ने मौके से साक्ष्य जब्त कर चमरू नायक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी से पूछताछ जारी है।
संविदा कर्मचारियों से उगाही का खेल : मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना सूरजपुर जिले का एक प्रमुख औद्योगिक संस्थान है, जिसका संचालन फिलहाल राज्य सरकार के अधीन है। यहां सीईओ, चीफ इंजीनियर सहित कुछ उच्च पदों पर नियमित कर्मचारी हैं, जबकि तकनीकी और सहायक स्टाफ का बड़ा हिस्सा संविदा पर कार्यरत है।
सूत्रों के अनुसार, संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाने की धमकी देकर कई अधिकारी अवैध वसूली करते हैं। प्रदीप कुमार के मामले में भी यही तरीका अपनाया गया था, जिसकी शिकायत के बाद एसीबी ने यह बड़ी कार्रवाई की है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश : इस कार्रवाई ने कारखाने में व्याप्त रिश्वतखोरी और अधिकारियों के रैकेट जैसे नेटवर्क को उजागर कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी उन सैकड़ों संविदा कर्मियों के लिए राहत की खबर है जो वर्षों से स्थायीकरण की आस में भ्रष्टाचार के दबाव में काम कर रहे हैं।
सरगुजा एसीबी की यह कार्रवाई सरकारी प्रतिष्ठानों में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों के लिए चेतावनी है — कि जनता अब चुप नहीं रहेगी, रिश्वतखोरी का हर चेहरा बेनकाब होगा।



