तमनार : आदिवासी महिला के हक पर डाका : मिलुपारा के कियोस्क बैंक संचालक ने भू-अर्जन मुआवजे के 4.62 लाख हड़पे, एफआईआर दर्ज – आरोपी गिरफ्तार…

रायगढ़। जिले से एक चौंकाने वाली ठगी की वारदात सामने आई है, जिसने ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ग्राम सक्ता मिलूपारा की गरीब आदिवासी महिला श्रीमती सत्यभामा सिदार के खाते से कियोस्क बैंक संचालक नरेन्द्र बेहरा ने 4 लाख 62 हजार 500 रुपये की रकम छलपूर्वक निकाल ली।
यह ठगी कोई साधारण नहीं – बल्कि एक सुनियोजित, योजनाबद्ध बैंकिंग अपराध है, जिसमें विश्वास, अंगूठा और अज्ञानता का बेरहमी से दुरुपयोग किया गया।

भू-अर्जन की रकम बनी ठगी का निशाना : सत्यभामा सिदार ने तमनार थाने में दी गई अपनी लिखित रिपोर्ट में बताया कि अडानी कंपनी से भू-अर्जन के एवज में उसे और उसकी मां रूपवती सिदार को 54 लाख रुपये का मुआवजा मिला था। इसमें से उसकी मां ने ₹15 लाख उसकी बेटी के खाते में ट्रांसफर किए।
महिला नियमित रूप से मिलूपारा के कियोस्क बैंक से पैसे निकालने जाती थी – और यहीं पर कियोस्क संचालक नरेन्द्र बेहरा, उम्र 23 वर्ष, ने भरोसे को हथियार बनाकर ठगी की पूरी पटकथा लिखी।
बार-बार “अंगूठा लगाओ” – और खाते से पैसे गायब : हर बार महिला को कहता –
“मेम, मशीन फेल हो गई, दोबारा अंगूठा लगाओ…”
और इसी चतुराई से वह बार-बार अंगूठे का डेटा लेकर खाते से पैसा ट्रांसफर करता रहा। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अलग-अलग तारीखों में कुल ₹4,62,500 की रकम अपने खाते में ट्रांसफर की – तारीख निकाली गई राशि तरीका 17 सितम्बर 2020 ₹2,00,000 फिंगर स्कैन से ठगी 17 सितम्बर 2020 ₹1,00,000 ट्रांजैक्शन डुप्लीकेट 28 सितम्बर 2020 ₹1,50,000 खाते में ट्रांसफर 06 दिसम्बर 2020 ₹12,500 अंतिम ट्रांजैक्शन
कुल राशि: ₹4,62,500
पहले भी आदिवासी परिवारों से ठगी : सत्यभामा सिदार का आरोप है कि यह नरेन्द्र बेहरा कोई नया खिलाड़ी नहीं है। इससे पहले भी उसने उसके बड़े पिता राम सिंह सिदार और बड़े भाई हलधर सिदार के भू-अर्जन मुआवजे – क्रमशः ₹58 लाख और ₹80 लाख –धोखे से निकाल लिए थे।
आरोप यह भी है कि आरोपी ने महिला के मृत भाई विद्याधर सिदार को शराब पिलाकर उसके अंगूठे लगवाकर बड़ी रकम हड़पी और उसके बाद कियोस्क बैंक बंद कर फरार हो गया था।
एफआईआर दर्ज – अपराध 409, 420 भादंवि : मामला एफआईआर क्रमांक 0266/25 के तहत तमनार थाना, जिला रायगढ़ में 09 नवम्बर 2025 को शाम 5:20 बजे दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 (ठगी) और 409 (सरकारी विश्वासघात) के तहत मामला कायम कर लिया है। जांच की जिम्मेदारी एएसआई सुरुट्टी लाल सिदार को दी गई है।
पीड़िता की पुकार : गरीब आदिवासी महिला सत्यभामा सिदार की आवाज न्याय की गुहार बनकर गूंज रही है –
“नरेन्द्र बेहरा ने हमारा मेहनत का हक छीन लिया। हम गरीब हैं, लेकिन इंसाफ चाहते हैं। पुलिस से मांग है कि उसे पकड़कर हमारा पैसा लौटाया जाए।”
बड़ा सवाल – कौन देगा डिजिटल ठगी से सुरक्षा? – यह घटना ग्रामीण डिजिटल बैंकिंग तंत्र की नाकामी को उजागर करती है। कियोस्क संचालक बिना किसी ठोस निगरानी के करोड़ों की रकम से खेल रहे हैं। बिना वित्तीय साक्षरता वाले ग्रामीण खाताधारक, विशेषकर आदिवासी महिलाएँ, सबसे आसान शिकार बन रही हैं।
सवाल उठता है :
क्या ग्रामीण बैंकिंग ठगी के ये मामले सिर्फ एफआईआर में दर्ज होकर रह जाएंगे, या सरकार ऐसी घटनाओं से सबक लेकर सिस्टम को जवाबदेह बनाएगी?…




