8 करोड़ की सड़क तीन महीने में ही ध्वस्त – ठेकेदार की लापरवाही उजागर, 600 मीटर हिस्सा उखाड़कर दोबारा बनेगा…

रायगढ़। कोड़ातराई–पुसौर–सूरजगढ़ मार्ग पर लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई सड़क का घटिया सच महज़ तीन महीने में सामने आ गया। ग्रामीणों के मुताबिक, ठेकेदार की लापरवाही और घटिया निर्माण सामग्री के कारण बरसात की पहली फुहारें झेलते ही सड़क बिखरने लगी। नतीजा—31 मई को पूरा हुआ काम अब सितंबर में ही ध्वस्त हो चुका है।
जानकारी के मुताबिक, इस सड़क के 8.30 किमी हिस्से के उन्नयन पर विभाग ने 8 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। कार्य का ठेका राकेश गर्ग नामक ठेकेदार को दिया गया था। अप्रैल-मई में तेजी से काम निपटाकर मई अंत में निर्माण पूर्ण घोषित कर दिया गया। लेकिन तीन माह भी नहीं बीते कि 600 मीटर सड़क जगह-जगह से उखड़कर गड्ढों में तब्दील हो गई।
गुणवत्ता पर सवाल : ग्रामीणों का साफ आरोप है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया। उचित मटेरियल नहीं लगाया गया और न ही पानी निकासी की व्यवस्था की गई। इसी वजह से थोड़ी-सी बारिश में सड़क पर जलभराव हुआ और गड्ढे बढ़ते गए। स्थानीय लोगों ने तंज कसते हुए कहा “आठ करोड़ की सड़क की उम्र महज़ तीन महीने, आखिर जिम्मेदार कौन?”
PWD ने ठेकेदार को दिए सख्त निर्देश : शिकायतों के बाद PWD अधिकारियों ने निरीक्षण किया। विभागीय जांच में यह पाया गया कि भारी वाहनों की लगातार आवाजाही और जलभराव की वजह से 600 मीटर का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। अधिकारियों ने मौके पर ही ठेकेदार को चिह्नांकित हिस्से को उखाड़कर दोबारा बनाने का निर्देश दिया है।
सवाल अब भी बाकी…
- जब सड़क का काम अभी जून में ही पूरा हुआ था तो सितंबर तक कैसे ध्वस्त हो गया?
- क्या PWD ने काम के दौरान गुणवत्ता की जांच की थी?
- ठेकेदार पर केवल मरम्मत का बोझ डालकर विभाग अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है या आगे कोई कड़ी कार्रवाई भी होगी?
ग्रामीणों का कहना है कि यदि भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश नहीं लगा, तो करोड़ों की परियोजनाएं महज़ “बरसाती सड़क” बनकर रह जाएंगी।