रायगढ़ में ‘धान माफिया’ पर प्रशासन का सर्जिकल स्ट्राइक : 48 घंटे में तोड़ी बिचौलियों की कमर, 1.47 करोड़ का अवैध धान जप्त…

• 23 कोचियों-बिचौलियों के मंसूबों पर फिरा पानी, राइस मिलर्स पर भी कसा शिकंजा
• कलेक्टर की खुली चेतावनी: असली किसानों के हक पर डाका डालने वालों की खैर नहीं
रायगढ़। जिले में समर्थन मूल्य पर धान खपाने की फिराक में बैठे ‘धान माफियाओं’ और बिचौलियों पर जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी चोट की है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के सख्त फरमान के बाद मैदानी अमले ने पिछले 48 घंटों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अवैध धान के काले कारोबार की कमर तोड़ दी है। प्रशासन ने एक विशेष अभियान के तहत 23 कोचियों और बिचौलियों के ठिकानों पर दबिश देकर 4583 क्विंटल अवैध धान जप्त किया है, जिसकी बाजार कीमत 1 करोड़ 47 लाख रुपए से अधिक आंकी गई है।
राइस मिलों के गोदामों में भी सेंध, खुली पोल : प्रशासन की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि सिंडिकेट में केवल छोटे कोचिये ही नहीं, बल्कि बड़े राइस मिलर्स भी शामिल हैं। औचक निरीक्षण के दौरान माँ भगवती और श्रीराम राइस मिल (धरमजयगढ़), गोयल फूड मिल (रायगढ़), बालाजी राइस मिल और सावित्री राइस मिल के गोदामों से हजारों क्विंटल अवैध धान बरामद हुआ है। मंडी अधिनियम के तहत इन पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
किसानों के नाम पर खेल बर्दाश्त नहीं : कलेक्टर – कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने प्रशासन के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह कार्रवाई तो बस झांकी है। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि, “असली किसानों के हितों से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी व्यक्ति अवैध भंडारण या परिवहन में लिप्त मिलेगा, उसके खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई होगी कि वह दोबारा ऐसी हिमाकत नहीं करेगा।”
अब तक 5 करोड़ की चोट, 17 हजार क्विंटल धान जब्त : खाद्य अधिकारी श्री चितरंज सिंह के आंकड़ों ने धान तस्करों की नींद उड़ा दी है। जिले में अब तक 91 बड़े प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें कुल 17,000 क्विंटल धान जप्त किया गया है। इसकी कुल कीमत 5 करोड़ रुपए के पार है।
इन इलाकों में मचा हड़कंप : प्रशासन की संयुक्त टीमों ने रायगढ़, खरसिया, पुसौर, तमनार और धरमजयगढ़ के चप्पे-चप्पे पर पहरा बिठा दिया है। सरिया मड़वाताल के युगल किशोर (800 क्विंटल), कुरमापानी के देवेंद्र पैकरा (328 क्विंटल) और कुरमापाली के नहर पैकरा (300 क्विंटल) जैसे बड़े स्टॉकपिस्टों का भांडाफोड़ होने से अवैध व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।
प्रशासन की इस मुस्तैदी ने उपार्जन केंद्रों की फिजा बदल दी है। कोचियों की भीड़ छंट गई है और वास्तविक किसान सुकून से अपनी उपज बेच पा रहे हैं। रायगढ़ प्रशासन का यह ‘जीरो टॉलरेंस’ अभियान संकेत है कि इस बार धान खरीदी में गड़बड़ी करने वालों की दाल नहीं गलने वाली।




