रायगढ़ में ‘काले हीरे’ की चमक फीकी: दीपका से लदा 75 टन कोयला रास्ते में ‘राख’ बना; जिंदल पावर प्लांट में डस्ट और स्लेग खपाने का सनसनीखेज खुलासा!…

रायगढ़। जिले में कोयले के काले कारोबार में एक बार फिर बड़ी सेंधमारी का मामला सामने आया है। रायगढ़ के औद्योगिक गलियारे में ‘काले सोने’ (कोयले) की जगह धूल और स्लेग (राख) खपाने की बड़ी साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। मामला तमनार थाना क्षेत्र का है, जहाँ शातिर ड्राइवरों ने कोरबा की दीपका खदान से निकले उच्च गुणवत्ता वाले कोयले को रास्ते में ही गायब कर दिया और उसकी जगह स्लेग और डस्ट की मिलावट कर जिंदल पावर प्लांट (JPL) को चूना लगाने की कोशिश की।

साजिश की इनसाइड स्टोरी : असली माल गायब, मिलावट का खेल शुरू : आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. के सुपरवाइजर दिनेश कुमार चौहान की शिकायत ने इस पूरे खेल से पर्दा उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक:
- 27 और 30 अक्टूबर को कोरबा की प्रतिष्ठित दीपका खदान से दो ट्रेलर गाड़ियों में क्रमशः 36,490 और 39,280 (कुल लगभग 75 टन) कोयला लोड किया गया।
- यह माल तमनार स्थित जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) के लिए भेजा गया था।
- हैरानी की बात यह है कि खदान से ‘प्योर क्वालिटी’ का कोयला लेकर निकले ट्रेलर जब प्लांट पहुंचे, तो उनके अंदर कोयले की जगह कचरा (स्लेग और डस्ट) भरा हुआ था।
औचक निरीक्षण में खुली पोल : दोनों गाड़ियां (क्रमांक CG13LA-3261 और CG12S-3261) प्लांट के अंदर घुसकर माल खाली भी कर चुकी थीं। लेकिन 31 अक्टूबर को जब कंपनी के अधिकारियों ने औचक निरीक्षण (Surprise Check) किया, तो उनके होश उड़ गए। जाँच में पाया गया कि खाली किया गया कोयला मानक स्तर (Standard Quality) का है ही नहीं, बल्कि उसमें भारी मात्रा में स्लेग और डस्ट की मिलावट की गई है।
गाड़ी छोड़कर भागे ‘मुन्नाभाई’ : जैसे ही चोरी और मिलावट की पोल खुली, ट्रेलर चालक सावन और दीपक को भनक लग गई। खुद को फंसता देख दोनों आरोपी मौके पर एक ट्रेलर छोड़कर फरार हो गए। यह साफ इशारा करता है कि यह काम केवल ड्राइवरों का नहीं, बल्कि इसके पीछे किसी बड़े रैकेट का हाथ हो सकता है जो रास्ते में असली कोयला उतारकर मिलावटी माल भरता है।
पुलिस का शिकंजा: नई संहिता के तहत मामला दर्ज : तमनार पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुपरवाइजर दिनेश चौहान की रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई की है। फरार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सख्त धाराओं में केस दर्ज किया गया है:
- धारा 316(3) BNS व धारा 3(5) BNS
पुलिस अब फरार ड्राइवरों की सरगर्मी से तलाश कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि असली कोयला कहाँ खपाया गया और इस ‘हेराफेरी’ के तार कहाँ तक जुड़े हैं।




