रायगढ़ कलेक्टोरेट में ‘लेटलतीफी’ पर लगा ताला : कलेक्टर का अल्टीमेटम – स्कैन होगा चेहरा, तभी लगेगी हाजिरी…

रायगढ़, 1 दिसम्बर 2025 | सरकारी दफ्तरों में अक्सर देखी जाने वाली ‘देर से आना और जल्दी जाना’ वाली संस्कृति अब रायगढ़ कलेक्टोरेट में इतिहास बनने जा रही है। जिला प्रशासन ने समय पालन और कार्यकुशलता के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए आज से कलेक्टोरेट परिसर में बायोमेट्रिक अटेंडेंस (Biometric Attendance) व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया है।
कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के सख्त निर्देशों के बाद, आज सुबह से ही कलेक्टोरेट के मुख्य द्वारों पर अधिकारी और कर्मचारी कतार में लगकर फेस रीडिंग और थंब स्कैन के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराते नजर आए।
नियम सख्त : आना और जाना, दोनों समय थंब स्कैन जरूरी – प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से काम नहीं चलेगा।
- समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
- शर्त: आगमन (In-time) और प्रस्थान (Out-time) दोनों दर्ज करना अनिवार्य है।
- चेतावनी: यदि किसी कर्मचारी ने दोनों में से एक भी समय अटेंडेंस दर्ज नहीं की, तो उसे उस दिन ‘अनुपस्थित’ (Absent) माना जाएगा।
दो गेट, दो डिवाइस : किस विभाग की कहां लगेगी हाजिरी? – भीड़ से बचने और व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए मुख्य गेट के आगे और पीछे आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं:
- डिवाइस क्र.-1 (मुख्य गेट सामने):
- जिला प्रशासन (राजस्व एवं स्थापना)
- आदिवासी विकास विभाग
- श्रम विभाग
- खनिज विभाग
- डिवाइस क्र.-2 (मुख्य गेट पीछे):
- भू-अभिलेख शाखा, जनसम्पर्क विभाग
- योजना एवं सांख्यिकी, आबकारी विभाग
- जिला कोषालय, उप आयुक्त सहकारिता
- अन्त्यावसायी और खाद्य विभाग
कलेक्टर का स्पष्ट संदेश: “ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी” – कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि कार्यसंस्कृति (Work Culture) में सुधार और अनुशासन पहली प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यह व्यवस्था सिर्फ कलेक्टोरेट तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि शीघ्र ही जिले के अन्य सभी शासकीय विभागों में भी इसे लागू किया जाएगा।
इस पूरी हाई-टेक व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा अपर कलेक्टर श्री अपूर्व प्रियेश टोप्पो को सौंपा गया है, जो डाटा प्रविष्टि से लेकर सिस्टम की सतत मॉनिटरिंग करेंगे।




