
फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले की कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज सहकारी समिति तरौद सहित पाररास और मालीघोरी समितियों का दौरा कर किसानों के एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन की प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों से सीधे संवाद कर पंजीयन की स्थिति का अवलोकन किया। इस मौके पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती मधु हर्ष, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं राजेंद्र राठिया व तहसीलदार आशुतोष शर्मा भी मौजूद थे।

यह अभियान शासन के निर्देशानुसार 15 से 17 अक्टूबर तक गांव-गांव सहकारी समितियों में लगाया गया है ताकि जो किसान अभी तक एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन नहीं करा पाए हैं, उनका पंजीयन शत-प्रतिशत कराया जा सके। इससे किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ उपलब्ध हो सकेगा।
एग्रीस्टैक पोर्टल क्या है?
एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार की एक अभिनव डिजिटल पहल है, जो किसानों का एकीकृत डाटाबेस तैयार करती है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसानों की पहचान, भूमि रिकॉर्ड, फसल और आय से जुड़ी जानकारी संकलित होती है। इससे सरकार किसानों को विभिन्न कृषि योजनाओं, ऋण, बीमा और सब्सिडी का सीधे लाभ दे सकती है। किसानों को एक फार्मर आईडी और जियो-मैपिंग से जुड़ी जानकारी भी प्रदान की जाती है, जिससे फसल की बुवाई, उत्पादन एवं मौसम से संबंधित कृषि सलाह लगातार मिलती रहती है।
किसानों को एग्रीस्टैक से क्या लाभ होगा?
- सरल होकर सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे मिलेगा।
- भूमि एवं फसल की डिजिटल पहचान से धोखाधड़ी कम होगी।
- फसल बीमा, ऋण और कृषि सहायता प्राप्त करना आसान होगा।
- मौसम और फसल संबंधित सूचना समय पर उपलब्ध होगी।
- न्यूनतम कागजी कार्यवाही से खेती सुगम बनेगी।
बालोद जिले में यह पोर्टल किसानों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित हो रहा है, जहां डिजिटल माध्यम से उनकी कृषि संबंधी जानकारी एकीकृत होकर लाभों का सही वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।

बालोद कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते पंजीयन कराएं, ताकि उन्हें सरकारी सहायता योजनाओं का लाभ मिल सके और कृषि कार्यों में डिजिटल बदलाव का पूरा फायदा उठाया जा सके।




