गनियारी डबल मर्डर : जब बॉयफ्रेंड ने प्रेमिका और उसकी दादी को मौत के घाट उतारा, 18 महीने बाद खुला राज…

दुर्ग। गनियारी गांव की यह रात हमेशा के लिए खून से रंग गई थी। 17 साल की सविता साहू और उसकी 62 साल की दादी राजवती साहू की लाशें जब 7 मार्च की सुबह उनके घर के आंगन में मिलीं, तो पूरा गांव सन्न रह गया। दीवारों और ज़मीन पर खून के छींटे ऐसे थे, जैसे किसी ने होली नहीं, खूनी होली खेली हो।
प्रेम, अविश्वास और साजिश का खूनी अंत – पुलिस की 18 महीने की लंबी जांच ने जो सच उजागर किया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
डबल मर्डर का मास्टरमाइंड और कोई नहीं, बल्कि मृत सविता का बॉयफ्रेंड चुमेंद्र निषाद निकला।
कारण – प्रेमिका की जिद, उसके राज़ और शादी का डर।
19 फरवरी 2024 को चुमेंद्र की सगाई किसी और लड़की से हो गई थी।
यह खबर सुनकर सविता भड़क उठी। उसने अपनी सहेलियों के ज़रिए चुमेंद्र को धमकी दी कि वो उसकी शादी नहीं होने देगी और अगर ज़रूरत पड़ी तो सबके सामने उनके रिश्ते का खुलासा कर देगी।
यही धमकी चुमेंद्र के लिए जानलेवा डर बन गई।
साजिश का खाका : “शादी का झांसा, मौत की साजिश” – प्रेमिका के राज़ को हमेशा के लिए दफन करने की ठानकर चुमेंद्र ने अपने दो दोस्तों –पंकज निषाद और एक अन्य साथी (जो अब भी फरार है)—के साथ मिलकर डबल मर्डर की साजिश रची।
6 मार्च की रात, तीनों स्कॉर्पियो (CG 06 E 6666) में गनियारी पहुंचे।
चुमेंद्र ने वॉट्सऐप कॉल कर साथियों को बुलाया, और रात करीब 1:00 बजे अपने ही हाथों से इस भयावह वारदात को अंजाम दिया।
पहले प्रेमिका, फिर दादी की निर्मम हत्या – सविता को बहाने से घर से बाहर बुलाया गया। चुमेंद्र ने शादी का झांसा दिया, लेकिन लड़की ने इंकार कर दिया।
बात बढ़ी, तो आरोपी ने कुल्हाड़ी उठा ली —
सविता पर लगातार वार किए गए। चिल्लाने की कोशिश की तो मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया।
आवाज़ सुनकर बाहर निकली दादी राजवती ने जब खून से लथपथ पोती को देखा, तो वो भी चिल्लाईं —
चुमेंद्र और उसके साथी ने उन्हें भी चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
दोनों की लाशें घर के आंगन में फेंक दी गईं।
सबूत मिटाने की कोशिश – वारदात के बाद तीनों आरोपी स्कॉर्पियो में सवार होकर फरार हो गए।
रास्ते में खून से सने चाकू और कुल्हाड़ी को तालाब में धो डाला, ताकि पुलिस को कोई सुराग न मिले।
फिर हथियारों को छिपा कर अपने-अपने घर चले गए — जैसे कुछ हुआ ही न हो।
पुलिस की जांबाज़ जांच : 62 लोगों से पूछताछ, ब्रेन मैपिंग तक – पुलगांव पुलिस ने इस केस की जांच को कभी अधूरा नहीं छोड़ा।
एफएसएल, फिंगरप्रिंट, डॉग स्क्वॉड — सबकी मदद ली गई।
62 संदिग्धों से पूछताछ की गई। अहमदाबाद और रायपुर में ब्रेन मैपिंग व नार्को टेस्ट कराए गए।
आईजी रामगोपाल गर्ग की टीम ने तकनीकी साक्ष्य, कॉल डिटेल्स, लोकेशन और DNA रिपोर्ट के आधार पर कड़ियाँ जोड़ीं।
क्राइम सीन का रीक्रिएशन किया गया।
आख़िरकार 18 महीने बाद वह दिन आया जब सच्चाई सामने आई।
कबूला जुर्म, अब सलाखों के पीछे : नार्को और ब्रेन मैपिंग रिपोर्ट ने चुमेंद्र की पोल खोल दी।
पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया और साथी पंकज निषाद का भी नाम बताया।
तीसरा आरोपी अब भी फरार है।
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार, मोबाइल और स्कॉर्पियो ज़ब्त कर लिए हैं।
आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा –
“यह केस पुलिस की तकनीकी दक्षता और टीम के धैर्य का उदाहरण है।
मुख्यमंत्री की सख्त निगरानी में हमने हर सुराग को जोड़ा और कातिलों को बेनकाब किया।”
पुरस्कार और न्याय की राह : इस केस में अहम सुराग देने वालों को ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया था।
दोनों आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है।
खूनी इश्क का सबक : सविता और उसकी दादी की हत्या ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया।
यह घटना सिर्फ़ एक डबल मर्डर नहीं, बल्कि उस अंधे प्यार की परिणति है, जिसमें इंसानियत भी दम तोड़ देती है।




