कवर्धा में पत्रकार पर हमला और लूट ; लोकतंत्र की आवाज़ पर वार – पत्रकार सड़कों पर, FIR और गिरफ्तारी की मांग तेज़…

कवर्धा। छत्तीसगढ़ की ज़मीन पर एक बार फिर कलम और कैमरे पर हमला हुआ है। कवर्धा जिले में आईएनएच न्यूज़ के पत्रकार संजय यादव को बीच सड़क पर पीटा गया, मोबाइल छीन लिया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। सवाल यह है कि क्या इस प्रदेश में पत्रकारिता करना अब गुनाह हो गया है?
वारदात की पूरी तस्वीर : रविवार दोपहर, कवरेज से लौटते वक्त संजय यादव ने हरिहरपुरा की एक दुकान से पानी खरीदा। पानी खराब निकला, तो उन्होंने कंपनी एजेंट संदीप गुप्ता से बात की। शिकायत का जवाब मिलने के बजाय, गुप्ता ने पत्रकार पर गालियां बरसाईं, धक्का दिया, मोबाइल छीन लिया और मारपीट की।
सिर्फ इतना ही नहीं, उनके साथ मौजूद कैमरामैन को भी धमकाया गया – “चुप रहो, नहीं तो जान से मार देंगे।”
पत्रकारों का गुस्सा – कवर्धा किला बना : यह खबर जंगल में आग की तरह फैली। जिलेभर के पत्रकार मौके पर पहुंचे। देखते-देखते कवर्धा पत्रकार एकता का गढ़ बन गया।
- नारे गूंजे – “पत्रकार एकता जिंदाबाद”
- पोस्टर तैरने लगे – “26/09/2025 को कवर्धा चलो”
- आवाज़ उठी – “हम पर हमला, पूरे लोकतंत्र पर हमला”
यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि चेतावनी है कि अगर पुलिस और प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई नहीं की तो यह आंदोलन रायपुर से दिल्ली तक गूंजेगा।
पुलिस की कार्रवाई – अधूरी और सवालों के घेरे में : शिकायत पर पुलिस ने आरोपी संदीप गुप्ता को हिरासत में लेकर साइबर थाना भेजा है। लेकिन पत्रकारों का गुस्सा थमा नहीं है। उनका कहना है कि केवल गिरफ्तारी काफी नहीं, फौरन FIR, जेल और सख्त धाराएं लगाई जाएं।
संजय यादव ने भी साफ चेतावनी दी – “अगर भविष्य में मेरे साथ कुछ हुआ, इसकी पूरी जिम्मेदारी आरोपी और सिस्टम की होगी।”
यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पत्रकारिता की आत्मा पर हमला है।
- आखिर अपराधियों में कानून का खौफ क्यों नहीं?
- कब तक पत्रकारों को अकेले लड़ना पड़ेगा?
- क्या सरकार और पुलिस पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी दे सकती है?
कवर्धा में अब पत्रकार समुदाय ने ऐलान कर दिया है – “या तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई करो, वरना आंदोलन पूरे प्रदेश में भड़केगा।”
👉 यह घटना याद दिलाती है कि जब कलम पर वार होता है तो लोकतंत्र लहूलुहान होता है। और इस बार पत्रकारों ने साफ कर दिया है – अब चुप्पी नहीं, अब आर-पार की लड़ाई होगी।



