छत्तीसगढ़ में NHM संविदा कर्मियों का बड़ा अल्टीमेटम – 16 हजार कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी में…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार संविदा कर्मचारी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के मूड में आ गए हैं। 18 अगस्त से लगातार हड़ताल पर बैठे ये कर्मचारी अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी कर रहे हैं। फेसबुक पर “छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ” के नाम से किए गए पोस्ट में इस बात की पुष्टि की गई है। वहीं कर्मचारी अमन दास ने भी इस्तीफे की रणनीति को सार्वजनिक तौर पर कबूल किया है।

सरकार का दबाव – 25 कर्मियों की बर्खास्तगी : लगातार 18 दिन से चल रही हड़ताल पर अब स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती दिखाई है। बुधवार को 25 NHM संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया, जिनमें संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। सरकार का साफ संदेश है“काम पर लौटो, वरना बाहर हो जाओ।”
कर्मचारियों का पलटवार “सिस्टम दबाव बना रहा है” बर्खास्तगी पर NHM संविदा कर्मियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि,
“सिस्टम बातचीत बंद करके सिर्फ दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने संवाद का रास्ता ही बंद कर दिया है, ऐसे में हमारे पास प्रोटेस्ट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
कर्मचारियों ने प्रदर्शन को और तेज करने का ऐलान किया है।
अलग अंदाज़ का प्रदर्शन – खून से चिट्ठी और मुखौटा पहनकर डांस : अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर NHM कर्मी अब तक कई अलग-अलग तरीके से सरकार का ध्यान खींच चुके हैं।
- प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का मुखौटा पहनकर डांस किया।
- सरकार को खून से पत्र लिखकर चेतावनी दी।
- आदेश की प्रति स्वास्थ्य संचालनालय के बाहर जलाकर विरोध जताया।
सरकार की आधी रियायत, लेकिन बात अधूरी : सरकार कर्मचारियों की 10 में से 5 मांगें पूरी करने का भरोसा दे चुकी है। बावजूद इसके गतिरोध खत्म नहीं हुआ है। इसी बीच, सोमवार को सरकार ने 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा था कि सभी कर्मचारी ड्यूटी पर लौटें, वरना कार्रवाई होगी। आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कर्मियों ने मंगलवार को ही संचालनालय के बाहर आदेश की प्रति जलाकर जवाब दे दिया।
स्थिति विस्फोटक – स्वास्थ्य सेवाएं ठप : राज्य में हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। ग्रामीण इलाकों से लेकर जिला अस्पतालों तक मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। दूसरी तरफ कर्मचारी अड़े हुए हैं कि—
“जब तक सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन और इस्तीफे दोनों जारी रहेंगे।”
अब सवाल है क्या सरकार बातचीत का रास्ता खोलेगी, या फिर 16 हजार NHM संविदा कर्मचारियों के सामूहिक इस्तीफे से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी?