चपले अस्पताल की लापरवाही उजागर: रात 8 बजे पहुंचे सीईओ, न डॉक्टर मिले न नर्स – अव्यवस्था पर भड़के अधिकारी, कार्रवाई का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाएगा…

रायगढ़। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर जिला पंचायत रायगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिजीत पठारे ने सोमवार की रात करीब 8 बजे खरसिया ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चपले का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जो हालात सामने आए, उन्होंने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां कर दी – अस्पताल में न डॉक्टर थे, न नर्स, और न ही मरीजों के लिए न्यूनतम व्यवस्था।
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स दोनों गायब : सीईओ पठारे ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स आरती नगेसिया और डॉ. सी.एस. डनसेना दोनों बिना सूचना अनुपस्थित थे। स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील सेवा में इस तरह की लापरवाही पर उन्होंने कड़ी नाराज़गी जताई और दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजने के निर्देश दिए।
अस्पताल में गंदगी और बदइंतजामी का आलम : निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर की साफ-सफाई बेहद खराब पाई गई। मरीजों के लिए बेडशीट और कंबल तक उपलब्ध नहीं थे, जबकि मच्छरों से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। स्टोर रूम, ड्रेसिंग रूम और मेडिकल इक्विपमेंट्स की स्थिति पूरी तरह अव्यवस्थित मिली।
सीईओ पठारे ने मौके पर ही संबंधित प्रभारी को सभी कक्षों की तत्काल सफाई कर व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।
एम्बुलेंस चालक भी नदारद : निरीक्षण के समय अस्पताल में दो एम्बुलेंस खड़ी मिलीं, मगर दोनों के चालक अनुपस्थित थे। आपातकालीन सेवा में ऐसी लापरवाही देखकर सीईओ ने गहरा असंतोष जताया और व्यवस्था में सुधार के सख्त निर्देश दिए।
सीईओ पठारे ने स्पष्ट चेतावनी दी कि –
“स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील सेवा में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ मिले, यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी और अनुशासन दिखाएँ।”
संकेत स्पष्ट हैं : जिला प्रशासन अब ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के मूड में है। चपले सीएचसी का यह औचक निरीक्षण आने वाले दिनों में अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के लिए चेतावनी का संदेश है – अगर सेवाएँ नहीं सुधरीं, तो जवाबदेही तय होगी।




