पत्थलगांव कांड : नर्स ने नवजात को ‘बीमार’ बताकर बेचा, कोरबा के दंपती समेत तीन गिरफ्तार – बच्ची सुरक्षित बरामद…

जशपुर। जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल की नर्स ने लालच और साजिश के लिए एक मासूम नवजात को उसके माता-पिता से छीनकर दूसरे दंपती को सौंप दिया। बच्ची को बीमार बताकर नर्स ने झूठ गढ़ा, फर्जी दस्तावेज तैयार करवा लिए और गुपचुप सौदा कर डाला। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए नर्स और दंपती को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे रची गई साजिश :
- मामला पत्थलगांव थाना क्षेत्र का है।
- 28 अगस्त को सुखदेव नाग की पत्नी दिलासो बाई ने बच्ची को जन्म दिया।
- 30 अगस्त को छुट्टी के समय नर्स अनुपमा टोप्पो (33), ग्राम गिरांग निवासी, नवजात को टीका लगाने के बहाने ले गई।
- नर्स ने परिवार से कहा कि बच्ची गंभीर रूप से बीमार है और इलाज के लिए बाहर भेजना पड़ेगा।
- इसी बहाने उसने माता-पिता से कुछ कागजों पर साइन करवा लिए, जो बाद में फर्जी साबित हुए।
कोरबा के दंपती को सौंपा बच्चा : परिवार को बच्ची की कोई खबर नहीं मिली, तो शक गहराया। जांच में सामने आया कि नर्स ने बच्ची को कोरबा निवासी दंपती – निशिकांत मिंज (43) और सुमन वानी मिंज (43) को सौंप दिया है।
जब पुलिस ने वैध दस्तावेज मांगे तो तीनों आरोपी कोई प्रमाण नहीं दिखा सके। नतीजतन नर्स और दंपती को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया।
बच्ची सुरक्षित, आरोपी जेल में : पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया है और फिलहाल उसे चाइल्ड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में रखा गया है।
आरोपियों के खिलाफ जेजे एक्ट की धारा 80 और 81 के तहत मामला दर्ज हुआ है। कोर्ट में पेशी के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा –
“नर्स ने माता-पिता को धोखे में रखकर नवजात बच्ची को दंपती को सौंपा था। शिकायत मिलते ही त्वरित कार्रवाई कर तीनों को गिरफ्तार किया गया और बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है।”
बड़ा सवाल : सरकारी अस्पताल में जहां भरोसे और इलाज की उम्मीद होती है, वहीं नर्स ने ही नवजात की सौदेबाजी कर डाली। अब सवाल है – क्या अस्पताल प्रबंधन की निगरानी व्यवस्था इतनी कमजोर है कि कर्मचारी इस तरह का घिनौना अपराध कर गुजरें?
👉 यह मामला केवल एक परिवार के साथ धोखा नहीं, बल्कि पूरे समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था पर करारा तमाचा है।