रायगढ़ की धरती दहल उठी : पूरे परिवार की सामूहिक हत्या, बाड़ी में दफनाए मिले शव

रायगढ़। ज़िले के खरसिया थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। ग्राम ठुसेकेला (राजीव नगर मोहल्ला) में एक ही परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में पति-पत्नी और उनके दो मासूम बच्चे शामिल हैं। हत्या के बाद आरोपी ने चारों शव घर के पीछे बाड़ी में दफनाकर पूरा घर बंद कर दिया।
पुलिस को तब घटना की भनक लगी जब चार दिनों से बंद पड़े घर से दुर्गंध उठने लगी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। दरवाज़ा खोलते ही अंदर का दृश्य देखकर हर किसी के होश उड़ गए –कमरों में खून के छींटे बिखरे थे और ज़मीन पर ताज़ा खुदाई के निशान दिखाई दिए। कब्रनुमा गड्ढे से पति-पत्नी और दोनों बच्चों के शव निकाले गए।
मृतकों की पहचान :
- बुधराम उरांव (पति – राजमिस्त्री)
- सोहद्रा उरांव (पत्नी)
- अरविंद उरांव (बेटा)
- शिवांगी उरांव (बेटी)
घर में तीन बच्चे रहते थे, लेकिन किस्मत से एक बेटी अपनी बुआ के घर पढ़ाई करने गई हुई थी। इसी कारण वह जिंदा बच गई और परिवार की अकेली जीवित सदस्य है।
हत्या की पड़ताल :
- प्राथमिक जांच में सामने आया है कि चारों की हत्या कुल्हाड़ी से की गई।
- हत्या घर के अंदर की गई और फिर शवों को बाड़ी में गाड़ दिया गया।
- फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड मौके पर तैनात हैं।
- पुलिस ने पूरे घटनास्थल को सुरक्षा घेरे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
गांव की महिलाओं ने रोते-बिलखते कहा, “जिसने भी इतना जघन्य काम किया है, उसे फांसी मिलनी चाहिए।”
पूरे गांव में मातम पसरा है। हर कोई यही सवाल कर रहा है –“बुधराम और उसके मासूम बच्चों का कसूर क्या था?”
रायगढ़ के एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया :
“गुरुवार सुबह सूचना मिली कि बंद घर से खून के धब्बे दिख रहे हैं। मौके पर पहुंचने पर पति-पत्नी और दो बच्चों की हत्या की पुष्टि हुई। शव बाड़ी में दफनाए गए थे। रिश्तेदारों से पूछताछ जारी है और हत्या की गुत्थी जल्द सुलझाई जाएगी।”
- आखिर किसने और क्यों पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया?
- मंगलवार की शाम घर आए रिश्तेदारों पर शक की सुई क्यों घूम रही है?
- क्या यह मामला पुरानी रंजिश, संपत्ति विवाद या घरेलू तनाव से जुड़ा है?
यह जघन्य हत्या सिर्फ रायगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ को हिला रही है। एक परिवार का पूरा वजूद रातों-रात मिटा दिया गया और अब बची है सिर्फ़ खामोशी और इंसाफ की उम्मीद।