सारंगढ़ - बिलाईगढ़

नगर पंचायत बिलाईगढ़ में छह माह से ठप स्वच्छता व्यवस्था, मणिकंचन केंद्र व कंपोस्ट शेड पर ताले ; लाखों की मशीनें अनुपयोगी, सीएमओ पर लापरवाही के आरोप…

सारंगढ़-बिलाईगढ़। नगर पंचायत बिलाईगढ़ की स्वच्छता व्यवस्था विगत छह माह से पूर्णतः अव्यवस्थित है। नगर में रिक्शा एवं ई-रिक्शा से कचरा संग्रहण की प्रक्रिया बंद है, वहीं मणिकंचन केंद्र एवं कंपोस्ट शेड पर भी पिछले छह–सात महीनों से ताले लगे हुए हैं। इस कारण लाखों रुपये की मशीनें – बेलिंग, फटका, गो-कास्ट एवं ऑर्गेनिक कम्पोस्टिंग मशीन – उपयोग न होने से खराब हो रही हैं।

स्वच्छता दीदियों को हटाए जाने पर विवाद : स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विगत आठ से दस वर्षों से कचरा संग्रहण कार्य में संलग्न स्वच्छता दीदियों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। आरोप है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) श्री सुशील कुमार चौधरी ने बिना पूर्व सूचना और प्रस्ताव के उन्हें कार्य से अलग कर अन्य महिलाओं को नियुक्त कर दिया। नई नियुक्त महिलाओं को न तो समूह का नाम स्पष्ट है और न ही कचरा प्रबंधन की विधिवत जानकारी। प्रायः सुबह दो घंटे कार्य करने के पश्चात वे घर लौट जाती हैं। सूखा एवं गीला कचरा पृथक्करण करने के बजाय नगर के सार्वजनिक स्थलों- रैनीभाठा स्थित पानी टंकी और शुक्रवारी बाजार के पास, खुले में कचरा डाल दिया जाता है, जिससे जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

नगर संपत्ति हो रही है जर्जर : बरसात के मौसम में ई-रिक्शा और हाथ रिक्शा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। रखरखाव के अभाव में ये वाहन अब उपयोगहीन हैं। कंपोस्ट खाद निर्माण का प्रशिक्षण न दिए जाने के कारण मणिकंचन केंद्र और कंपोस्ट शेड निष्क्रिय पड़े हैं। परिणामस्वरूप नगर पंचायत की करोड़ों की परिसंपत्तियाँ अनुपयोगी हो रही हैं और शासन को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।

निज निवास से संचालन का आरोप : श्री चौधरी पर यह भी आरोप है कि वे कार्यालय में नियमित उपस्थिति नहीं देते और प्रायः अपने निजी निवास से ही फाइलों का संचालन करते हैं। कर्मचारियों को बिना पूर्व सूचना कभी भी बैठक हेतु बुला लिया जाता है, जिससे कार्य प्रभावित होता है। नगर पंचायत परिसर की स्थिति भी अव्यवस्थित है – चारों ओर उगी झाड़ियों में सांप-बिच्छू विचरण करते देखे जा रहे हैं।

शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं : शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि अधिकारी बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकते। इसके बावजूद सीएमओ प्रायः मुख्यालय से अनुपस्थित रहते हैं और निवास से ही ‘निष्ठा ऐप’ के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कर कार्य का निस्तारण करते हैं।नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों द्वारा इस विषय में लिखित शिकायतें की जा चुकी हैं, किन्तु अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। इसी कारण स्थानीय नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

जनहित में शीघ्र कार्रवाई की मांग : नगरवासियों का कहना है कि यदि समय रहते स्वच्छता व्यवस्था पटरी पर नहीं लाई गई और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो स्थिति गंभीर हो सकती है। नागरिकों ने शासन-प्रशासन से आग्रह किया है कि शीघ्र जांच कर दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए, ताकि नगर की व्यवस्था पुनः सुचारु हो सके।

Admin : RM24

Investigative Journalist & RTI Activist

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