नई दिल्ली : CEC की चयन में बड़ा बदलाव, अब 5 नामों का पैनल होगा, राजीव कुमार देंगे इस्तीफा…
नईदिल्ली। भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति प्रक्रिया में 2023 में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले, परंपरागत रूप से, सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को CEC नियुक्त किया जाता था। हालांकि, नए ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ के तहत, यह प्रक्रिया अब अधिक व्यापक और लचीली हो गई है।
नए कानून के प्रमुख बिंदु :
- सर्च कमेटी का गठन: विधि मंत्रालय अब एक सर्च कमेटी का गठन करेगा, जिसकी अध्यक्षता विधि मंत्री करेंगे। इस कमेटी में दो अन्य सदस्य, जो भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी होंगे, शामिल होंगे। यह कमेटी पांच संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार करेगी।
- चयन समिति की संरचना: चयन समिति में प्रधानमंत्री, एक कैबिनेट मंत्री, और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होंगे। यह समिति सर्च कमेटी द्वारा प्रस्तुत पैनल से या बाहरी व्यक्तियों में से किसी एक को CEC के रूप में चुन सकती है।
- मुख्य न्यायाधीश की भूमिका: नए कानून के तहत, भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया गया है, जबकि मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सहभागिता की सिफारिश की थी।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य : वर्तमान CEC, राजीव कुमार, 18 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। उनके बाद, चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्त, ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू, हैं। हालांकि, नए कानून के तहत, CEC की नियुक्ति के लिए बाहरी व्यक्तियों पर भी विचार किया जा सकता है।
चिंताएं और चुनौतियां : पूर्व CEC ओ.पी. रावत ने इस बदलाव पर चिंता व्यक्त की है, यह इंगित करते हुए कि इससे चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है, विशेषकर यदि सरकार बदलने पर CEC की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव होता है। इसके अतिरिक्त, इस नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और फरवरी 2025 में इस पर सुनवाई होने की संभावना है।
निष्कर्ष : नए कानून का उद्देश्य चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ाना है, लेकिन इसके कार्यान्वयन और प्रभाव को लेकर विभिन्न पक्षों में मतभेद हैं। आगामी समय में, इस प्रक्रिया के प्रभाव और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सभी की निगाहें रहेंगी।