बिलासपुर

बिलासपुर : कोटपा एक्ट का उल्लंघन, मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ देना होगा जवाब…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्कूलों के सामने ठेलों व दुकानों में बिक रहे नशे के सामान और नौनिहालों के जीवन पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को लेकर प्रकाशित रिपोर्ट को स्व संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ यह जानकारी देने कहा कि प्रदेशभर में संचालित स्कूलों के आसपास क्या स्थिति है। नशे का सामान अब भी बिक रहा है या फिर सरकार कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी।

कोटपा एक्ट के खुलेआम हो रहे उल्लंघन को लेकर हाई कोर्ट ने चिंता जताई है। यहीं कारण है कि मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लेकर राष्ट्रीय अवकाश के दिन हाई कोर्ट खुला और इस मामले को पीआइएल के रूप में रजिस्ट्रार जनरल कर्यालय द्वारा पंजीकृत किया गया। चीफ जस्टिस के निर्देश पर अवकाश के दिन कोर्ट का खुलना और पीआइएल के रूप में मामला रजिस्टर्ड करने की गंभीरता को सहज ही देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों के सामने ठेलों व दुकानों में नशे के सामानों की खुलेआम बिक्री हो रही है। गुटखा से लेकर तंबाकू और अन्य नशे के सामान, जो मौजूदा दौर में प्रचलन में है, तेजी से खरीदी-बिक्री हो रही है।

अचरज की बात ये कि स्कूली बच्चे ठेलों में खड़े होकर गुटखा-पाउच सहित अन्य सामाग्री खरीद रहे हैं। जिम्मेदारों के साथ ही दुकानदारों को इनके भविष्य की जरा भी चिंता नहीं है। कोटपा एक्ट की जिले सहित छत्तीसगढ़ में खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिला व पुलिस प्रशासन के अलावा खाद्य एवं औषधि विभाग के अफसरों और मैदानी अमलों ने अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी के साथ निर्वहन नहीं किया है। इसका खामियाजा बच्चे और पालक सीधे तौर पर भुगत रहे हैं। स्कूली बच्चों का भविष्य भी खराब हो रहा है।

मुख्य सचिव समेत आधा दर्जन अफसरों को बनाया पक्षकार : चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। प्रदेशभर की स्थिति की जानकारी लेने और स्कूल के आसपास ठेलों व ऐसे दुकान जहां नशे के सामान की बिक्री की जा रही है की जानकारी मांगी है। अफसरों को यह भी बताना होगा कि कोटपा एक्ट के तहत दिए गए दिशा निर्देशों के परिपालन में क्या दिक्कतें आ रही है। क्यों इसका सही ढंग से परिपालन नहीं किया जा रहा है।

पीआइएल में मुख्य सचिव छग शासन, सचिव श्रम विभाग, सचिव उच्च शिक्षा विभाग, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कलेक्टर बिलासपुर, एसपी बिलासपुर, कमिश्नर नगर निगम बिलासपुर, डीईओ बिलासपुर व बीईओ बिल्हा ब्लाक के अफसरों को प्रमुख पक्षकार बनाया गया है।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!