बस्तर

झीरम हमले में शामिल बीस लाख की इनामी महिला नक्सली  निर्मला ने डाले हथियार…

बस्तर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने तेलंगाना के वारंगल में पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की सदस्य है। मेडिकल टीम प्रभारी व दरभा डिविजन के सदस्य के रुप में भी काम कर चुकी है।निर्मला तीस वर्ष पहले 1994 में नक्सलियों के पीपुल्स वार ग्रुप नरंसपेटा दल में वह सम्मिलित हुई थी। वारंगल पुलिस ने बताया कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी हत्याकांड में वह आरोपी है। इस हमले में दिग्गज कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।

11 वर्ष बाद भी झीरम कांड के रहस्य से नहीं उठा पर्दा : इस घटना के 11 वर्ष बाद भी इस हमले के रहस्य से पर्दा नहीं उठा है। इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआइए) कर रही है। इसके अलावा निर्मला, नरंसपेटा, एथूनगरम व कई पुलिस स्टेशनों पर गोलीबारी की घटनाओं में आरोपित है।

भाईयों की मौत के बाद उठाया हथियार : कोडी मुंजला उर्फ निर्मला का बड़ा भाई कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद और चचेरा भाई वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना नरसापेट में नक्सल कमांडर थे। 1994 में एक मुठभेड़ में दोनों मारे गए। भाईयों की मौत के बाद दसवीं की पढ़ाई छोड़कर निर्मला ने जनवरी 1994 में भाकपा(माले) पीपुल्स वार ग्रुप, नरसापेट दलम में वह सम्मिलित हो गई।

पति के समर्पण के बाद किया दूसरा विवाह : निर्मला ने 1999 में पेरम बुचैया उर्फ सुरेंदर से विवाह कर लिया था। कोड़ी मंजुला के पति सुरेंदर ने क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वर्ष 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वर्ष 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम व सुरक्षा प्लाटून में एक वर्ष तक काम किया। उसी वर्ष डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली थी।

संगठन में कई पद पर रही : निर्मला को 24 दिसंबर 2002 को पुलिस ने भूपालपल्ली से गिरफ्तार किया था। साक्ष्य के अभाव में जेल से छूटने के बाद वह दोबारा से नक्सल संगठन में सक्रिय हो गई। 2007 से निर्मला बल कमांडर के रुप में काम कर रही थी। 2011 में उसे मेडिकल टीम की प्रभारी बनाया गया था। 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया। 2017 में उसे पदोन्नत कर बस्तर डिविजनल कमेटी सदस्य बनाया गया।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!