यहां का थाना प्रभारी पीड़ितों को वकालत में टॉप करने का दिखाता है रौब…
◆ क्षेत्रवासियों ने छाल थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस पर लगाया गंभीर आरोप…
क्षेत्र के पीड़ित अपनी शिकायत लेकर छाल थाना जाने से है कतराते
रायगढ़ । बीते सोमवार को छाल क्षेत्र में सर्व आदिवासी समाज द्वारा क्षेत्र के विभिन्न मांगों को लेकर छाल तहसील कार्यालय और छाल रेंज ऑफिस का घेराव किया गया था, पर ऑफिस घेराव से पहले ही प्रदर्शनकारियों को छाल थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस की कुछ शब्द चुभ गई जिससे पूरे प्रदर्शनकारी भड़क गए।
सोमवार को सर्व आदिवासी समाज द्वारा जंगली हाथियों से फसल नुकसान और उनसे हो रहे जनहानि को लेकर आंदोलन किया जाना था पर थाना प्रभारी कड़े शब्दों ने इस आंदोलन को अलग ही मोड़ दे दिया।
सर्व आदिवासी समाज के सलाहकार शौकीलाल नेताम के बताए अनुसार आंदोलन से ठीक पहले छाल थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैस जो कि उनकी बोली की वजह से पुलिस और जनता के बीच जब से वे आए है अच्छे संबंध स्थापित नहीं हो सके है उनके द्वारा आंदोलनकारियों को यहां नौटंकी करने आए हो बोला गया वही इस प्रदर्शन को राजनीतिक बताया जिसे लेकर आंदोलनकारियों द्वारा छाल थाना प्रभारी हर्ष वर्धन बैस की बातों का विरोध कर मंच में गहरी नाराजगी जताई साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को छाल थाना प्रभारी को तत्काल सस्पेंड करने की बात कही।
प्रदर्शनकारियों के बताए अनुसार छाल थानाप्रभारी हर्षवर्धन बैस का ग्रामीणों और अपनी शिकायत लेकर आए पीड़ितों के प्रति शुरू से तीखी और कड़वी बोली चर्चा का बना हुआ है जिसके वजह से कई लोग अपनी शिकायत को लेकर छाल थाना जाना नहीं चाहते वही थाना प्रभारी द्वारा खुद को बड़ा वकील बताते हुए मामला को उलझाकर डराते धमकाते है वही अगर छाल थाना का सीसीटीवी उच्चाधिकारियों द्वारा चेक किया जाए तो रोजनांमचा का खेल अच्छे से दिखाई देगा कि किस तरह से यहां अपना ड्यूटी किया जाता है और कौन सिपाही महीनों महीनों वर्दी को अपने बदन से लगाता तक नहीं है। वही अगर थाना पारा के कुछ सीसीटीवी पर भी अगर नजर बनाए तो थाना से ज्यादा होटल और पान के ठेलो का खेल भी आएगा सामने।
थाना प्रभारी का बातचीत के दौरान शौकीलाल नेताम और उनके साथियों को आंदोलन को नौटंकी और पॉलिटिकल स्टंट बताना आंदोलन को एक नया मुद्दा दे दिया।