छत्तीसगढ़बालोद

गौण खनिज के अवैध उत्खनन से एसडीएम कार्यालय का हो रहा निर्माण

बिना सूचना पटल अधिकारियों के सामने ही हो रहा निर्माण कार्य

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद/डौंडी। आदिवासी ब्लाक मुख्यालय डौंडी के तहसील कार्यालय प्रांगण में बनाए जा रहे एसडीएम कार्यालय भवन को ठेकेदार और निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी विभाग के सब इंजिनियर की मनमर्जी से अवैध मटेरियल और बिना सूचना पटल अधिकारियों के सामने ही बनवाया जा रहा है। इस विषय में नई हमारे संवाददाता ने जब पीडब्ल्यूडी विभाग के जिम्मेदार सब इंजिनियर से जानकारी चाही गई तो वे गोलमाल जवाब देने लगे। शासकीय कार्यों में अवैध रूप से गौण खनिज का उत्खनन कर उपयोग में लाना खनिज तस्करों को खुली छूट देना प्रतीत हो रहा है।

गौण खनिज मुरूम से भरा वाहन
गौण खनिज मुरूम से भरा वाहन

गौरतलब है कि शासन द्वारा कोई भी शासकीय निर्माण कार्य कराया जाता है तो उक्त निर्माण कार्यों की जानकारी हेतु सूचना पटल बोर्ड पहले लगा दिया जाता है ताकि लोगों को उस निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी मिल सके। किंतु डौंडी तहसील कार्यालय के सामने एक महीने से बन रहे एसडीएम कार्यालय भवन निर्माण की कोई भी सूचना बोर्ड ठेकेदार द्वारा नहीं लगाया गया है और तो और निर्माणाधीन इस एसडीएम कार्यालय भवन में अधिकारियों के सामने ही घटिया किस्म के अवैध रेत, अवैध खनन कर मिट्टी युक्त मुरूम सामाग्री डाली जा रही है, जिस पर एसडीएम कार्यालय भवन निर्माण में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है।

विदित हो कि दीपावली पूर्व बालोद जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल डौंडी तहसील कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण करने आए हुए थे इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन एसडीएम कार्यालय भवन को मापदंड अनुरूप बनाए जाने हेतु सख्त निर्देश दिए थे किंतु उनकी नजर वहां नदारद सूचना पटल बोर्ड के संबंध में नहीं पड़ी अथवा इस ओर जिम्मेदारों द्वारा उन्हें बताया ही नहीं गया।

अब क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की इस ओर नजर पड़ते ही सवाल उठाया जा रहा है। इस संबंध में डौंडी ब्लाक भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष झा ने कहा है कि बिना सूचना पटल बोर्ड एवं अमानक रेत तथा मुरूम सामाग्री का इस्तेमाल नवनिर्मित एसडीएम कार्यालय भवन में होना ठेकेदार, सब इंजिनियर, एसडीओ और संबंधित अधिकारियों के निरीक्षण नहीं करने व सांठगांठ को दर्शा रहा है।

जनपद पंचायत डौंडी उपाध्यक्ष पुनीत सेन ने कहा कि कायदे से निर्माण कार्य हेतु सूचना पटल लगाया जाना जरूरी है वही आसपास से घटिया निर्माण सामग्री जिसमें रेत व मुरूम अवैध रूप से लाकर निर्माण कार्य में इस्तेमाल करना गलत है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा डौंडी में एसडीएम कार्यालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रारंभ करने से पहले कार्य स्थल में सूचना पटल लगाया जाता है, लेकिन विभाग द्वारा और ना ही ठेकेदार यहां निर्माण कार्य से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे लोगों को सड़क के लागत की जानकारी नहीं मिल पा रही है। वहीं विभाग के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे ठेकेदार निर्माण कार्य में मनमानी कर रहा है। जबकि कोई भी शासकीय कार्य प्रारंभ करने से पहले वहां पर कार्य का नाम, प्रशासनिक स्वीकृति राशि, अनुबंधक का नाम, अनुबंध क्रमांक, दर, कार्य प्रारंभ एवं कार्य पूर्ण होने की तारीख, उप अभियंता का नाम एवं मोबाइल नंबर, कार्यपालन अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी का नाम एवं मोबाइल नंबर की जानकारी प्रदर्शित करना होता है ताकि निर्माण कार्य में पारर्दर्शिता बनी रहे और लोग गड़बड़ी की शिकायत संबंधित अधिकारी से कर सकें। मगर यहां तकनीकी विवरण का कोई भी सूचना पटल नहीं लगाया गया है। सड़क में पुल पुलिया, सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। सड़क निर्माण कार्य के बारे ग्रामीणों को पता ही नहीं कौन से विभाग का है, कितनी लागत राशि से सड़क बन रही है और कहां से कहां तक सड़क बनना है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग बालोद के कार्यपालन अभियंता एम प्रसाद फोन ही नहीं उठाते है। क्या कारण है कि वो फोन ज्यादातर बंद रखते है और जब फोन चालू रहता है तो वो फोन नहीं उठते हैं।

शासन का नियम है कि अगर कोई भी शासकीय निर्माण कार्य होगा, वहाँ बकायदा आम जनता के लिए निर्माण स्थल में एक सूचना बोर्ड लगेगा। इस बोर्ड में कार्य का नाम, उसकी लागत, अनुबंध क्रमांक, ठेकेदार का नाम, जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, मोबाइल नंबर सहित और अन्य जानकारी लिखी हुई होती है। शासन की मंशा है कि लोगों को मालूम हो सके कि उनके क्षेत्र में क्या निर्माण हो रहा है, इससे लोगों में जागरूकता बढ़ती है। सूचना बोर्ड के ना लगने से ये समझ में ही नहीं आता है कि कहाँ क्या काम चल रहा है, जो कि एक गंभीर विषय है। ज्ञात हो कि जनता के टैक्स से सरकार चलती है और जनता को पूरा हक है यह जानने का कि उनके टैक्स के पैसे का उपयोग किन-किन जगहों पर किया जा रहा है।

“लोकल रेत और मुरूम सामाग्री को नहीं डलवाने आज ही चौकीदार को बोला हूं तथा ठेकेदार को भी निर्माण संबंधी सूचना पटल बोर्ड लगाने बोलता हूं।”

डी आर सहारे,

सब इंजिनियर, लोक विभाग विभाग, डौंडी

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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