बालोद

बालोद पुलिस ने हत्या के आरोपी को चंद घण्टे में किया गया गिरफतार

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। परिवारिक विवाद एवं चरित्रशंका के संदेह पर आरोपी ने किया अपनी पत्नी का लकड़ी के डण्डा से सिर, चेहरा में चोंट पहुंचाकर की हत्या। मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 02 नवंबर 2024 को ग्राम कोटवार दीपक गजभिये ग्राम हर्राठेमा के द्वारा सूचना दिया कि ग्राम हर्राठेमा में अश्वनी बाई की हत्या हो गई है। जिसकी सूचना पर वरिष्ठ अधिकारीयों को अवगत कराई गई जो पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक बालोद एसआर भगत के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद अशोक कुमार जोशी के पर्यवेक्षण में मौके पर उपस्थित पुलिस बल के साथ ग्राम हर्राठेमा पहुंचकर आरोपी की पहचान कर गिरफतारी करने हेतु निर्देशित करने पर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद देवांश सिंह राठौर के नेतृत्व में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक रविशंकर पाण्डेय के साथ ग्राम हर्राठेमा जाकर मौके पर प्रार्थीया श्रीमती जागेष्वरी ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

दिनांक 02 नवंबर 2024 को गोवर्धन पूजा होने से अपने घर पर थी कि दोपहर को पड़ोस की शांति बाई बताई कि डामन लाल गावड़े अपनी पत्नी अष्वनी गावड़े को मारपीट रहा है कि सूचना पाकर प्रार्थीया डामन लाल गावड़े के घर गई और उससे पूछी की अष्वनि को क्यो मार रहे हो तब आरोपी डामन लाल गावड़े ने बताया कि यह मेरे घर का मामला है, अष्वनि कहां है पूछने पर कमरे के तरफ दिखाने पर देखा कि उसके चेहरे एवं सिर में चोंट आया था व खून निकला रहा था।

तब उसने अपनी पुत्री चंद्रीका को बुलाकर उससे पानी मंगाया व गले से घर घर की आवाज निकल रहा था, मृतिका को पानी पिलाने के बाद कुछ समय बाद मृतिका के गले का आवाज आना बंद हो गया तथा मृतिका का शरीर हिलना डुलना भी बंद हो गया व अष्वनी बाई की मृत्यु हो गई थी डामन लाल गावड़े के द्वारा अपनी पत्नी को घरेलू विवाद को लेकर लकड़ी के डण्डा से मारपीट कर हत्या किया है कि रिपोर्ट पर थाना बालोद में अपराध क्रमांक 559/2024 धारा 103 बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया था, कि आरोपी को दिनांक 03 नवंबर 2024 को विधिवत गिरफतार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।

हत्या के आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी निरीक्षक रविशंकर पाण्डेय, सउनि धरम भुआर्य, रामप्रसाद गंजभिये, प्रधान आरक्षक दुर्योधन यादव, मनोज निर्मलकर, देवकुमारी साहू, आरक्षक बनवाली राम साहू, नागेष्वर साहू, मोहन कोकिला, देवेन्द्र कुमार साहू व थाना बालोद स्टॉफ का सराहनीय भूमिका रही।

Ambika Sao

( सह-संपादक : छत्तीसगढ़)

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