बालोद

जिम्मेदारों की शह पर हो रहा अवैध मुरूम उत्खनन…

◆ बालोद जिले का मुरुम अब राजनांदगांव, दुर्ग के अवैध प्लाटों में सप्लाई की जा रही….

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)
बालोद। जिले की तहसील अर्जुदा की ग्राम पंचायत डूडीया में चैन माउन्टेन और जेसीबी से खुदाई की जा रही है। लगभग 40 ट्रकें और हाइवा से रोज मुरुम का बेजा दोहन किया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि बालोद जिले के अधिकांश अधिकारी नियमित तौर पर दुर्ग और रायपुर से आना जाना करते हैं जो मुख्य मार्ग में मशीनों के जरिये हो रही इस खुदाई और ट्रकों के जरिये पार हो रही मुरुम को रोज देखते भी हैं लेकिन इन पर कोई कार्यवाही नहीं करते है।

आलम यह है कि ग्राम पंचायत पदाधिकारियों को अंधेरे में रखकर खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध मुरूम उत्खनन की अनुमति देकर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि 3000 घन मीटर मुरूम खनन की शासन द्वारा स्वीकृति दी गई थी जिसके बाद लीज धारक द्वारा पूरे 3000 घन मीटर मुरूम का खनन कर बेच भी दिया गया लेकिन इनके द्वारा बगल वाले खेत से भी लगातार मुरूम का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। दिनांक 30 सितंबर 2024 से तीन माह की अवधि के लिए लीज कराकर मुरूम को बाहर जगहों पर अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। उच्चाधिकारियों के संरक्षण में चल रहे मुरूम चोरी के खेल को पंचायत के लोग भी रोजाना देख रहे हैं, किंतु उनके समक्ष समस्या यही है कि आखिर वे इस मामले की शिकायत करें भी तो किससे करें? क्योंकि सब कुछ सेटिंग में चल रहा है।

सवालों के घेरे में, 3000 घन मीटर मुरुम परिवहन की स्वीकृति क्या परिवहनकर्ता को मिली 3000 घनमीटर की रॉयल्टी बुक….????

जानकारी के अनुसार एक रॉयल्टी बुक में करीब 1200 घन मीटर मुरुम परिवहन की जा सकती है तो क्या समझा जाए की 3000 घन मीटर की मुरुम के लिए परिवहन के रॉयल्टी ली गई है। खनिज विभाग स्वीकृति जारी की जा सकती है सवाल तो कही है लेकिन जवाब तो जिला प्रशासन और खनिज विभाग के ही पास हो क्या परिवहन करता नहीं ढाई सौ पर्चियां रॉयल्टी ली है या जांच होगी या कार्यवाही यह बड़ा सवाल है…???

माइनिंग विभाग के अधिकारियो की मिलीभगत से सैकड़ों ट्रक मुरुम पार किया जा रहा। भिलाई हाउसिंग बोर्ड निवासी लीज धारक दीपक सिंह द्वारा 3000 घन मीटर मुरूम का दोहन किया जा चुका है जिसके बाद भी आज पर्यंत तक मुरूम का उत्खनन जारी है। वहीं खनिज विभाग में लगाईं गई अर्जी में विभाग ने 3000 घन मीटर में मुरूम खुदाई के लिए अनुमति दी थी,लेकिन यहां से जरूरत से ज्यादा मात्रा में खुदाई की जा चुकी है। बता दें कि खनिज विभाग द्वारा खसरा नंबर 785/1 व 88/4 में लगभग 3000 घन मीटर मुरूम उत्खनन की स्वीकृति दी गई थी।

जिला बनने के बाद जिले का खनिज विभाग शुरू से ही विवादों में घिरा हुआ है। चाहे नदी किनारे खेतों से रेत निकालने की अनुमति का हो या जमीन से मुरम निकालने का। नियमों को तोड़ते हुए खनिज माफिया से मिलीभगत कर अधिकारी अपनी रोटी सेक रहे हैं और जिले की खनिज संपदा का बेजा दोहन करवा रहे हैं। पर्यावरण विभाग के हस्तक्षेप के बाद जहां अब किसी भी खदान या स्थान की खुदाई के लिए अनुमति लेना मुश्किल हो गया है वही खनिज विभाग माफियाओं को सरंक्षण देकर अवैध खनन पर रोक नहीं लगा पा रहा है।

“मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है आपके माध्यम से जानकारी मिली है मैं दिखवाती हूं और नियम विरुद्ध उत्खनन किया जा रहा होगा तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।”

मीनाक्षी साहू
जिला खनिज अधिकारी, बालोद

Feroz Ahmed Khan

संभाग प्रभारी : दुर्ग
Back to top button
error: Content is protected !!