रायपुर : दिव्यांग संघ का प्रदर्शन स्थगितः CM साय ने मांगों को पूरा करने दिया आश्वासन, फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों पर एक्शन की तैयारी…
रायपुर। दिव्यांग संघ ने 28 अगस्त को होने वाले आंदोलन को स्थगित कर दिया है। बुधवार को दिव्यांग संघ प्रदेश स्तरीय पैदल मार्च का आयोजन किया था, जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 1000 से अधिक दिव्यांग शामिल होने वाले थे।
मंगलवार को संघ के पदाधिकारयों ने सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की। सीएम के आश्वासन के बाद दिव्यांग संघ ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। वहीं संघ की मांग पर अब फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी करने वालों पर एक्शन की तैयारी है।
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के अध्यक्ष बोहित राम चंद्राकर ने बताया कि हमारी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से कहा गया है। सरकार ने सभी मांगों को पूरा करने के लिए 1 महीने का का आश्वासन दिया है। अध्यक्ष ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों जल्द पूरा करेगी। अगर मांग पूरा नही किया जाएगा तो हम आंदोलन करेंगे।
ये है दिव्यांग संघ की मांग :
- सरकारी नौकरी में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी करने वाले लोगों का मेडिकल बोर्ड के सामने दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराया जाए। फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके सत्येन्द्र सिंह चंदेल व्याख्याता जिला जांजगीर और अक्षय सिंह राजपूत व्याख्याता जिला मुंगेली को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
- रिचा दुबे सहायक संचालक कृषि महासमुंद बर्खास्त हो चुकी है। उस पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज हो।
- वास्तविक दिव्यांग शासकीय अधिकारी-कर्मचारी को केन्द्र के सामान 4 प्रतिशत पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए, जिसका गणना केन्द्र के सामान 1 जनवरी 2016 से किया जाए।
- छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों को केवल 500 रुपए पेंशन दिया जाता है, जबकि कई राज्यों में 3500 से 4072 रुपए तक प्रतिमाह पेंशन मिलता है। पेंशन बढ़ाकर 5000 रुपए प्रतिमाह किया जाए। पेंशन के लिए BPL की बाध्यता खत्म हो।
- दिव्यांगता के कारण दिव्यांग बहनों की शादी नहीं हो पा रही है। उन्हें महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाए।
- विभागों के गलत पत्राचार और धारा 51 के जगह 91 का उल्लेख होने से जिन 10 से 20 लोगों को कोर्ट से स्टे मिला है। उसका तुरंत निपटारा करने के लिए समिति बनाई जाए। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक 18-04/2011/9/17 तारीख 25.02.2011 का उपयोग किया जाए।
- राज्य शासन फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनने से रोकने के लिए कड़ा परिपत्र जारी करे, जो भी इसमें संलिप्त हो उसे
7 साल सजा और 50 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान हो। - सभी भर्ती परीक्षा में अंकित किया जाए कि दिव्यांग सीट पर चयनित अभ्यर्थी के दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण सक्षम बोर्ड से कराने के बाद ही ज्वाइनिंग दिया जाए।
- भविष्य में शिकायत होने पर संभाग और राज्य मेडिकल बोर्ड से दोबारा दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराने का प्रावधान हो।